आगरा में  31 साल पहले पहला पेसमेकर ऑपरेशन हुआ था।  नाई की मंडी निवासी 38 वर्षीय महिला की दिल की धड़कन की गति बार-बार कम हो जाती थी। इससे उसे चक्कर आते थे और वह जल्दी-जल्दी बेहोश हो जाती थी। 

 


first pacemaker operation took place in Agra 31 years ago

आर्काइव
– फोटो : अमर उजाला

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हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हृदय रोगों और इससे जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना है। आगरा न केवल अपने ऐतिहासिक धरोहरों के लिए मशहूर है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में भी लगातार प्रगति कर रहा है। विश्व हृदय दिवस पर आपको हम ऐसी ही एक प्रेरणादायक घटना बताएंगे जो आगरा के इतिहास में यादगार हो गई। यहां पहली बार एक हृदय रोगी को पेसमेकर लगाया गया था। यह पेसमेकर का पहला ऑपरेशन था। यह खबर अमर उजाला संस्करण में 29 अगस्त 1993 को प्रकाशित हुई थी।

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डॉ. अनिल ने की थी सर्जरी

आगरा के जीजी मेडिकल कॉलेज में डॉ. अनिल गुप्ता ने हृदय रोगी के पेसमेकर लगाने का यह पहला ऑपरेशन किया था। नाई की मंडी निवासी 38 वर्षीय महिला की दिल की धड़कन की गति बार-बार कम हो जाती थी। इससे उसे चक्कर आते थे और वह जल्दी-जल्दी बेहोश हो जाती थी। हृदय की गति 30 से 40 प्रति मिनट रह गई थी। विशेषज्ञ टीम ने ऑपरेशन कर आगरा के चिकित्सा क्षेत्र में पेसमेकर लगाने की तकनीक के द्वार खोले।



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