Fishes died in Keetham due to polluted water in Agra Team taken water samples

Agra: गंदे पानी की वजह से मरीं मछलियां
– फोटो : अमर उजाला

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ताजनगरी आगरा के कीठम में मछलियों की मौत का प्रारंभिक कारण प्रदूषित पानी और उसमें मौजूद हैवी मेटल्स को माना जा रहा है। शनिवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से कीठम झील में विभिन्न स्थानों से पानी की सैंपलिंग की गई। रिपोर्ट आने के बाद ही मछलियों की मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा। इधर वन विभाग ने भी लखनऊ फिशरीज इंस्टीट्यूट से इस प्रकरण में बात कर कारण जान निवारण की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

कीठम झील में आगरा नगर और लोअर लेक साइड सिंचाई विभाग के दो सैल्यूस गेट लगे हैं। कुछ समय पूर्व यह गेट टूट गए थे। इससे रिसकर पानी कीठम झील में आने लगा। वन विभाग के रेंजर और वार्डन को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी सूचना सिंचाई विभाग को दी। विभाग ने रेत की बोरियां डालकर पानी को अवरुद्ध करने के लिए अस्थायी इंतजाम तो कर दिया, लेकिन इससे लगातार पानी रिसने से कीठम झील में पानी के प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। नतीजा सैकड़ों मछलियां मर गईं।

लिया गया पानी का सैंपल

शनिवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा की टीम ने जिस स्थान पर मछलियां मरीं थीं। इसके साथ ही कई अन्य स्थानों से भी पानी का सैंपल लिया है। उनको आशंका है कि पानी में हैवी मेटल्स की मात्रा अधिक होने के कारण मछलियां मरी होंगी।

फिलहाल विभाग ने सैंपल को जांच के लिए लखनऊ भेज दिया गया है। तीन दिन बाद रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद मछलियों के मरने का सही कारण पता लग जाएगा। इधर वन विभाग ने भी मछलियों पर अध्ययन कर रहे फिशरीज इंस्टीट्यूट लखनऊ में भी वार्ता की है।

नजर बनाए हुए हैं

हम लगातार कीठम झील पर नजर बनाए हुए हैं। आज पानी की सैंपलिंग भी हुई है। लखनऊ भी वार्ता कर मछलियों को बेहतर परिवेश देने के प्रयास किए जाएंगे।  -डॉ. विश्वनाथ शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड



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