श्रावस्ती। जिले में ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए गांवों का चयन किया गया था, लेकिन चयनित गांवों में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक भी रुपये खर्च नहीं किए गए। इससे योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। अब पंचायत राज विभाग ने इन 112 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान व सचिवों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

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गांवों में ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 138 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया था। इसके लिए गांवों में निर्माण कार्य व कूड़ा के बेहतर प्रबंधन के लिए पांच करोड़ 56 लाख 58 हजार 680 रुपये अप्रैल माह में ग्राम पंचायतों को भेजा गया था, लेकिन पांच माह में भी भेजी गई धनराशि का प्रयोग नहीं हो सका। इस पर जिला पंचायती राज विभाग ने संबंधित ग्राम सचिवों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने व ग्राम प्रधानों के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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गांवों में कराए जाने थे यह कार्य

ग्राम पंचायतों में सूखे व गीले कचरे के साथ ही घरों से निकलने वाले गंदे पानी के सुरक्षित निपटान के लिए के बेहतर प्रबंधन के की व्यवस्था करनी थी। इसके तहत कचरा संसाधन केंद्र, कचरा एकत्रीकरण वाहन, कचरा एकत्रीकरण पात्र, खाद गड्ढे, सोख्ता गड्ढे, नालियों पर सिल्ट कैचर व तालाबों पर फिल्टर चैंबर का निर्माण कराया जाना था।

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इन सचिवों ने नहीं खर्च किया पैसा

ग्राम सचिव अरविन्द त्रिपाठी, त्रिपुरारी सिंह, सुनील कुमार, संदीप नायक, सीके सिंह, अम्बरीष कुमार, जितेन्द्र लाल, मकरन्द नाथ, राम किशोर, मोइन सिद्दीकी, अनिल त्रिपाठी, अमरजीत यादव, मनोज कुमार, आशीष इकौना, सुशील कुमार, नागेन्द्र प्रसाद, आशीष जमुनहा, राम दर्शन, वीरेंद्र मणि, मनीष यादव, रक्षाराम, संदेश सिंह, अखिलेश कुमार, आदेश त्रिपाठी, राकेश मौर्या पैसा नहीं खर्च कर सके हैं।

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गांवों में कचरा प्रबंधन के लिए दी गई धनराशि का प्रयोग न करने से संबंधितों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई व नोटिस जारी किया जा रहा है।

– नंदलाल, डीपीआरओ



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