आगरा। फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद के चेयरमैन व प्रमुख उद्योगपति पूरन डावर से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें शांति भंग में जेल भेजा गया है। वहीं मास्टरमाइंड का पता नहीं चला है। पत्र भेजकर आयकर विभाग में फाइल दबाने के नाम पर रकम किसने और कहां से मांगी? यह अब भी सवाल ही बना हुआ है। पुलिस अभी पड़ताल में लगी हुई है।
पूरन डावर के भरतपुर हाउस स्थित आवास पर 5 दिन पहले एक पत्र भेजा गया था। इसमें आयकर विभाग में पड़ी फाइल को दबाने के नाम पर रकम देने के लिए कहा था। रकम एक कार्टन में भरकर गुरुद्वारा गुरु का ताल स्थित एक चाय के खोखे पर पहुंचाने के लिए कहा था। पुलिस ने सूचना पर जाल बिछाया। कार्टन में किताबें भरकर भेजी थीं। इसे लेने आए दो लोगों को पकड़ लिया था। बाद में चाय विक्रेता को भी पूछताछ के लिए लगाया। उनकी निशानदेही पर दो और लोग पकड़े गए। उनसे पूछताछ की गई। सभी मजदूर हैं। उनसे पूछताछ में यह नहीं पता चला कि आखिर रुपये किसने मांगे थे। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ में ज्यादा जानकारी नहीं लग सकी है।
रकम मांगने के पीछे कोई और हो सकता है। इस पर जांच चल रही है। मुकदमे में लगी धारा में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है। इस कारण पकड़े गए गैलाना निवासी मुकेश, धाैलपुर निवासी भरत सिंह, सराय बेगा निवासी दीपक कुमार, अमन कटरा वजीर खां निवासी राजकुमार गुप्ता उर्फ राजू के खिलाफ शांति भंग में कार्रवाई कर जेल भेजा है। वहीं मास्टर माइंड की तलाश की जा रही है।
