मैनपुरी। थाना कोतवाली क्षेत्र में चार साल पहले पत्नी को आत्महत्या करने के लिए उकसाने वाले पति को अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने पांच साल की सजा सुनाई है। उस पर 15000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के बाद उसको जेल भेजा गया है।

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थाना कोतवाली के बसंत विहार की रहने वाली रीता यादव की वर्ष 2020 में ससुराल में ही मृत्यु हो गई थी। रीता के भाई ने दहेज में कार की मांग को लेकर रीता की हत्या करने की रिपोर्ट पति शैलेष उर्फ रवि, सास सुमन के खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच में रीता को आत्महत्या करने के लिए उकसाने का मामला पाकर दोनों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में भेज दी।

मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह के न्यायालय में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर शैलेष को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया गया। अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने शैलेष को पांच साल की सजा सुनाकर 15000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के बाद उसको जेल भेजा गया है। सास सुमन को आरोप साबित नहीं होने पर बरी कर दिया गया है।

नाजायज असलहा मिलने पर जुर्माना

मैनपुरी। थाना किशनी क्षेत्र में 21 साल पहले दो लोगों के पास नाजायज असलहा मिलने पर उन पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उनको जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई गई है।

थाना किशनी पुलिस ने वर्ष 2003 में विनायक, गोकुल निवासी महोलीखेड़ा थाना भोगांव को पकड़कर उनके कब्जे से तमंचा तथा नाजायज बंदूक बरामद की थी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में भेज दी। मुकदमे की सुनवाई एसीजेएम प्रथम विभा धामा के न्यायालय में हुई। दोनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार करके मुकदमा नहीं लडऩे की बात न्यायालय में लिखकर दी। एसीजेएम प्रथम विभा धामा ने दोनों पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाकर जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई है।



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