उत्तर भारत में मानसून की तीव्रता का असर मथुरा की यमुना नदी पर साफ दिखने लगा है। लगातार बढ़ते जलस्तर से शनिवार को नौहझील क्षेत्र के कई गांवों में पानी घुस गया। 24 से ज्यादा गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। अधिकारियों ने अति संवेदनशील तीन गांवों को खाली कराने को कहा है, लेकिन ग्रामीण यहां से जाने से मना कर रहे हैं। नौहझील-छाता मार्ग पर चार-चार फीट पानी बहने लगा है। राहगीर पानी में से होकर गुजर रहे हैं। यमुना किनारे बसे गांवों में दहशत का माहौल है। वृंदावन और शेरगढ़ के कुछ क्षेत्रों का भी यही हाल है।

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Flood in UP Due to rising water level of Yamuna water entered villages in Mathura

सड़कें पानी में डूबने से लग गया जाम।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सुरीर, नौहझील, मथुरा शहर, वृंदावन, महावन, बलदेव आते हैं। इन क्षेत्रों के दर्जनों गांव व काॅलोनियां यमुना के किनारे बसी हैं, जहां बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि शनिवार को नौहझील क्षेत्र के 24 से अधिक गांवों में यमुना का पानी घुस गया। नौहझील-छाता जाने वाले मार्ग पर चार-चार फीट पानी बहने लगा। गंतव्य तक जाने के लिए राहगीरों को पानी से होकर गुजरना पड़ा। मार्ग पर दिनभर जाम जैसे हालात बने रहे। ऐसे में राखी बांधने जा रहीं बहनों के साथ-साथ राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।


Flood in UP Due to rising water level of Yamuna water entered villages in Mathura

मथुरा में उफान पर यमुना।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


शाम को पुलिस ने मार्ग के दोनों ओर बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया। शेरगढ़ क्षेत्र का भी यही हाल रहा। यमुना से सटे गांवों में पानी पहुंच गया। इससे किसानों की धड़कनें बढ़ गई हैं। आने-जाने वाले मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं। ताजेवाला से आ रहे पानी को गोकुल बैराज के गेट खोलकर लगातार छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में यमुना का जलस्तर 164.80 से बढ़कर 165.36 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु 165.200 मीटर से महज कुछ ही कम है।


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सड़कें पानी में डूबने पर ऐसे निकले लोग।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


सिंचाई विभाग अपर खंड के एक्सईएन नवीन कुमार ने बताया है कि शनिवार को ताजेवाला बैराज से 22311 क्यूसेक और ओखला बैराज से 40479 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि मथुरा के गोकुल बैराज से 65860 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इसके बावजूद शनिवार को यमुना का जलस्तर 165.36 मीटर पर रहा।


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सड़क पर बह रहा तीन से चार फीट पानी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


नौहझील के इन गांवों में पहुंचा पानी

बाढ़ जैसे हालात बनने के बाद प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय हो गए। उन्होंने शनिवार शाम को नौहझील क्षेत्र के अड्डा मीणा, छिनपारई और फिरोजपुर गांव के लोगों से घर खाली करने को कहा, लेकिन गांव वाले अपनी जिद पर अड़ गए। उन्होंने गांव खाली करने से मना कर दिया। इसके अलावा प्रभावित गावों में अड्डा मल्हान, अड्डा जाटव, बाघर्रा, बरौठ, मंडारी, रायपुर, नानकपुर, भैरई, मुसमुना, मुकदुमपुर, खुशलागढ़ी, अनरदागढ़ी, भगवान गढ़ी, तिलका गढ़ी, जाफरपुर, मंगलखोर, इनायतगढ़, दौलतपुर, बसाऊ, देदना, मरहला मुक्खा, भूरगढ़ी, पालखेड़ा, पिथौरा व फरीदपुर सहित आदि गांव शामिल हैं।

 




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