मथुरा-वृंदावन यमुना खादर का भी यही हाल है। दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं, तो कई कॉलोनियों में धीरे-धीरे पानी घुस रहा है। बीते दिनों हथिनीकुंड से 3.29 लाख क्यूसेक छोड़े गए पानी की वजह से मथुरा में बाढ़ से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश होने से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे जिले में करीब एक दर्जन गांव टापू बन गए हैं, जबकि मथुरा-वृंदावन में यमुना से सटी दर्जनों कॉलोनियों में चार-चार फीट तक पानी भर गया है। कुछ गांवों की देहरी तक भी पानी पहुंच गया है। प्रशासन ने यमुना जलस्तर को लेकर शुक्रवार और शनिवार को हाई अलर्ट जारी किया है और बृहस्पतिवार रात से और जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई है। डीएम समेत आला अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील भी की है। अब तक करीब 1500 विस्थापितों को राहत शिविरों में भेजा जा चुका है।
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मथुरा में बाढ़।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
नौहझील, मांट, छाता समेत यमुना से सटे अन्य क्षेत्रों के 23 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इनमें से 13 गांव ऐसे हैं, जो पूरी तरह यमुना के पानी की चपेट में हैं। इनमें सबसे अधिक नौहझील क्षेत्र से करीब नौ गांव शामिल हैं। इन्हीं क्षेत्रों के कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां शुक्रवार और शनिवार की रात को पानी घुसने की आशंका जताई जा रही है।
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मथुरा में बाढ़।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मथुरा-वृंदावन यमुना खादर का भी यही हाल है। दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं, तो कई कॉलोनियों में धीरे-धीरे पानी घुस रहा है। बीते दिनों हथिनीकुंड से 3.29 लाख क्यूसेक छोड़े गए पानी की वजह से मथुरा में बाढ़ से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं।
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वृंदावन में बाढ़ से हालात।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वृंदावन में कालिंदी ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। यमुना के बढ़ते कदमों से लोग चिंतित हैं। तेज गति से पंख फैलाती यमुना नदी घाटों से निकलकर कॉलोनियों और सड़कों पर नजर आ रही है। कई घाटों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया। वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि कोई हादसा नहीं हो जाए। अब तक बाढ़ से प्रभावित दर्जनों कॉलोनियों से डेढ़ हजार से अधिक लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया। वहीं पशुओं को सुरक्षित आसरा दिया है।
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वृंदावन में सड़कों पर यमुना का पानी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वृंदावन में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने घाटों, कॉलोनियों और संकरी गलियों को जलमग्न कर दिया है। निचले इलाकों में हालात बेहद चिंताजनक हैं। प्रशासन ने कई घाटों पर बैरिकेडिंग की है। पीएसी की तैनाती के साथ राहत एवं बचाव कार्य तेज दिया गया है। पहले तो केसी घाट को बंद किया गया था, लेकिन अब देवराह बाबा घाट को भी कर दिया है। जगन्नाथ घाट और कालिदह मार्ग में सड़कें यमुना के पानी से लबालब हो रही हैं। यहां भी प्रशासन ने बैरियर लगा दिए हैं।