कासगंज में उफनाई गंगा की धारा लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में कहर बरपा रही है। पिछले तीन दिनों से लगातार बाढ़ का कहर जारी है। सोमवार की रात नीबिया और पनसोती के पूर्वी हिस्से का कच्चा मनरेगा बांध भी गंगा की तीव्र धारा से कट गया। 40 से अधिक गांव की आबादी में पानी भरा हुआ है। वहीं, खेतों में कई फुट बाढ़ का पानी भरा हुआ है। बाढ़ के पानी से लगातार सड़क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और कटान का शिकार हो रहे हैं। मंगलवार को बरबारा में भी सड़क कट गई। गंगा के तटीय इलाके के गावों में जनजीवन अस्त व्यस्त बना हुआ है।

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Flood in UP situation worsened due to flood in Ganga in Kasganj

लोगों ने छतों पर डाला डेरा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई लगातार बारिश से हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज, बिजनौर के मध्यगंगा बैराज एवं नरौरा के चौधरी चरणसिंह बैराज से हाईफ्लड लेवल का प्रवाह लगातार बना रहा। इससे जिले में गंगा हाईफ्लड लेवल को पार कर गई। मंगलवार की शाम तक गंगा का जलस्तर हाईफ्लड लेवल के पार था। 

 


Flood in UP situation worsened due to flood in Ganga in Kasganj

गंगा का बढ़ा जलस्तर।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


सदर तहसील क्षेत्र के सोरोंजी इलाके के कई गांव गंगा की बाढ़ की चपेट में रहे। वहीं, उढ़ेर व दतलाना बांध पर पानी का दबाव लगातार बढ़ता रहा। बाढ़ का सर्वाधिक पटियाली इलाके के मूंजखेड़ा, नगला हंसी, नगला जयकिशन, राजेपुर कुर्रा, नगला तरसी, नगला खंदारी, नेथरा, इंद्राजसनपुर, मेहोला, नवाबगंज नगरिया, टिकुरी गठौरा, कुसौल, जिझोल, पनसोती, अलीपुर भकुरी, रिकहरा, गठैरा, निरदौली पुख्ता सहित आस पास के ग्रामीण इलाकों में है। 


Flood in UP situation worsened due to flood in Ganga in Kasganj

फसलों को पहुंचा नुकसान।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


वहीं सहावर के अजीतनगर, उलाई, रफातपुर, सहवाजपुर, बमनपुरा, चकरा, नगला ढाव, नगला चोखे सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में पानी भरा हुआ है। जहां गांव की आबादी में कई कई फुट पानी है। तमाम स्थानों पर लोगों ने ऊंचाई के स्थानों पर डेरा जमा लिया है। वहीं, तमाम परिवार सड़कों की ओर पहुंच गए हैं। बाढ़ से खेतीबाड़ी को काफी नुकसान है। 

 


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कासगंज में बाढ़।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


सहावर पटियाली व सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों में 5 हजार हेक्टेयर से अधिक फसलों में बाढ़ का पानी भरा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। किसानों के खेतों में इस समय मक्का, बाजरा, धान, ईख, अरबी सहित अन्य फसलें हैं। ग्रामीणों के सामने काफी दिक्कतें हो गई हैं। उन्हें बाढ़ उतरने के बाद ही समस्या से छुटकारा मिल सकेगा। अभी गंगा का प्रवाह तेज होने के कारण बाढ़ के प्रभाव से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही।




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