बारिश के बीच बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से यमुना का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। बृहस्पतिवार को शहर के दो मोक्षधाम डूब गए। पोइया स्थित मोक्षधाम में चिता जलाने की जगह नहीं मिली। लोगों ने पानी में खड़े होकर अपने परिजन का अंतिम संस्कार किया। वहीं ताजगंज मोक्षधाम का दूसरा प्लेटफाॅर्म भी डूब गया। यमुना खतरे के निशान से ढाई फीट ऊपर बह रही है। अगले तीन दिन और उफान पर रहेगी। ताजमहल की दीवार तक पानी पहुंच गया है।

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flood in up yamuna water level raised and touch of taj mahal boundary in agra

श्मशान घाट में भरा पानी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


शहर की सीमा में दयालबाग के अमर विहार, राज श्री अपार्टमेंट से लेकर सिकंदरपुर रोड तक रास्ते में पानी भरने लगा है। कैलाश मंदिर की सीढि़या डूब गई हैं। मेहरा नहारगंज में 40 परिवार विस्थापित हुए हैं। मनोहरपुर, खासपुर, जगनपुर से लेकर तनौरा, नूरपुर, विसारना, मोतीमहल, महल बादशाही, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, टेढ़ी बगिया के निचले इलाकों से लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।

 


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उफान पर यमुना।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


वॉटर वर्क्स पर बृहस्पतिवार शाम पांच बजे यमुना जलस्तर 497.5 फीट था। एक दिन पहले यह 497.2 फीट था, जबकि चेतावनी स्तर 495 फीट है। रविवार तक यह 499 फीट तक पहुंच सकता है। पोइया घाट पर मोक्षधाम में दाह संस्कार के लिए लोग परेशान रहे। 1978 में यमुना में बाढ़ आने पर जलस्तर 508 फीट तक पहुंच गया था। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला और एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने पोइया घाट से लेकर यमुना किनारा तक बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

 


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उफान पर यमुना।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


इन गांवों में बाढ़ का खतरा अधिक

यमुना की बाढ़ से एत्मादपुर, सदर, फतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र में 40 से अधिक गांव प्रभावित हैं। प्रशासन ने फिलहाल 18 गांव चिह्नित किए हैं जिनमें बाढ़ का खतरा अधिक है। यहां लोगों को घर छोड़ना पड़ सकता है। इनमें रहनकला, बुढ़ाना, नगला कटा, शाहिदपुर, वीरपुरा, पारौली, बिचौला, गिदरौन, भरापुरा, नगला धीमर, नगला पैमा, नगला तल्फी, नाहरगंज समेत 18 गांव शामिल हैं।

 


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मोक्षधाम में भरा पानी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


संरक्षित स्मारकों को सीलन का खतरा

ताजमहल की पिछली दीवार तक यमुना की धारा टकराने लगी है। मंटोला नाला बैक मारने से आगरा किला की खाई में तीन फीट पानी भर गया है। एत्माउद्दौला के पीछे बने 12 कमरे 5 फीट पानी में डूबे हैं। ताज व्यू प्वाइंट तक पानी पहुंच सकता है। यमुना के पानी से संरक्षित स्मारकों में सीलन का खतरा बढ़ गया है।

 




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