हरियाणा में यमुना पर बने हथिनीकुंड यानी ताजेवाला बैराज से नदी में सैलाब आ रहा है। सोमवार सुबह हथिनीकुंड से 3.11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। तीन दिन में यह पानी आगरा पहुंच जाएगा। सोमवार शाम को वाटर वर्क्स पर जलस्तर चेतावनी बिंदु से एक फुट दो इंच ऊपर था। यमुना के तटवर्ती इलाकों में खेत-खलिहान डूब गए हैं। गांव खाली कराए जा रहे हैं। मेहरा नहारगंज में 15 परिवारों को विस्थापित किया है।

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यमुना का बढ़ा जलस्तर।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पहाड़ों से मैदानों तक हो रही बारिश के कारण यमुना पर बने हथिनीकुंड, ओखला, हिंडन, गोकुल बैराज के जलाशयों पर अत्यधिक दबाव है। ऐसे में बैराजों के जलाशयों को खाली किया जा रहा है। सोमवार को हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी के कारण मथुरा स्थित गोकुल बैराज से भी 99,119 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

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यमुना में उफान।
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पिछले 24 घंटे से यमुना चेतावनी के निशान पर ऊपर बह रही है। शुक्रवार तक जलस्तर 499 फीट तक पहुंच सकता है। वाटर वर्क्स पर बाढ़ का स्तर 499 फीट और अधिकतम बाढ़ का स्तर 508 फीट है। बीती 17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।

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यमुना में उफान।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
22 अगस्त को यमुना 496.3 फीट तक पहुंच गई थी। एक बार फिर यमुना में बाढ़ की आशंका है। सोमवार को ताजगंज स्थित मोक्षधाम में पानी भर गया। अंतिम संस्कार में लोगों को खासी परेशानी हुई। उधर, बल्केश्वर के अनुराग नगर, फाउंड्री नगर, मनोहरपुर सहित करीब 40 गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटवर्ती इलाकों में करीब 500 बीघा फसल डूब गई है।

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नदी किनारे के गांव में घुसा पानी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
डीएम की अपील
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर यमुना के तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया है। गांव में मुनादी कराई जा रही है। निचले इलाकों से लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। 15 बाढ़ चौकियां बनाई हैं। विस्थापित लोगों के लिए शिविर तैयार किए जा रहे हैं। डीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यमुना नदी किनारे न जाएं। नदी में नाव न चलाएं। मोटर बोट, गोताखोर व राहत-बचाव दलों के लिए अलर्ट जारी किया है।
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