एक बार फिर बाढ़ का खतरा बढ़ता दिख रहा है। हथिनी कुंड बैराज से और पानी छोड़ा गया है। इसके अलावा पहाड़ों पर तबाही वाली बारिश हो रही है जिसका प्रभाव अब यहां भी दिखने लगा है। गंगा और यमुना दोनों ही नदियों के जलस्तर में गिरावट प्रति घंटा 0.25 सेमी ही रह गई है।

दोनों नदियों के जलस्तर में बृहस्पतिवार से गिरावट जारी है। इससे बाढ़ प्रभावित हजारों परिवारों ने राहत महसूस की तथा शिविरों से भी लोग वापस हो चुके हैं लेकिन खतरा एक बार फिर सताने लगा है। एक सितंबर को हथिनी कुंड बैराज में 238759 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे प्रयागराज में यमुना नदी के जलस्तर में एक मीटर तक वृद्धि की बात कही जा रही है। अभी यह पानी आया भी नहीं है कि हथिनी कुंड बैराज से फिर पानी छोड़ दिया गया है। ऐसे में खतरा और बढ़ गया है।

इसी तरह से गंगा के जलस्तर में भी डेढ़ मीटर तक बढ़ोतरी की बात कही जा रही है। कानपुर से 3.77 लाख क्यूसेक पानी पहले से आ रहा है। इससे कछार के निचले इलाके में पानी भरा हुआ है। पहाड़ों पर लगातार बारिश की वजह से इसमें और बढ़ोतरी हो गई है और आने वाले दिनों में गंगा के जलस्तर में तेज गति से वृद्धि के आसार हैं। इससे भी खतरा बढ़ गया है।

इसका असर भी दिखने लगा है। दोनों नदियों के जलस्तर में गिरावट की रफ्तार लगातार कम हो रही है। सिंचाई विभाग की बुधवार शाम चार बजे की रिपोर्ट के अनुसार दोनों नदियों के जलस्तर में चार घंटे में मात्र एक सेमी की कमी दर्ज की गई। अफसरों का कहना है कि अब पीछे से ज्यादा पानी आने लगा है। ऐसे में अब जलस्तर एक बार फिर बढ़ोतरी होगी।


 



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