loader


पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने नष्ट करने पर वर्ष 1971 के युद्ध की जीत ताजा हो गईं। इसमें वीर सपूत फ्लाइट लेफ्टिनेंट मनोहर पुरोहित पाकिस्तान में बम बरसाकर देश लौट नहीं पाए। लौटते वक्त बॉर्डर पर इनका विमान क्रैश होकर भारतीय क्षेत्र में गिरा। वर्ष 1972 में पाकिस्तान से आई चिट्ठी से इनके युद्ध बंदी होने का पता चला। वापसी के लिए इनकी वीरांगना के सारे जतन बेकार गए। मगर, उम्मीद टूटी नहीं है और 54 साल से इनका सिंदूर सुहाग के इंतजार में है।

ये भी पढ़ें –  जब पाकिस्तानी पायलटों को जान बचाकर भागना पड़ा: भारतीय एयरफोर्स ने दिया मुंहतोड़ जवाब, 1971 में जानें क्या हुआ

 




Trending Videos

flying lieutenant manohar purohit missing since 1971 india pakistan war  Waiting for 54 years

2 of 5

वर्ष 1971 के युद्धबंद्धियों के परिजनों के साथ आगरा निवासी सुमन पुरोहित कराची जेल के बाहर
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


साकेत कॉलोनी शाहगंज निवासी सुमन पुरोहित (77) से जैसे ही 1971 युद्ध का जिक्र किया, वो गुमसुम हो गईं। कुछ देर मौन रहने के बाद बोलीं 1970 में शादी हुई थी और पति आगरा हवाई अड्डे पर तैनात थे। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने आगरा हवाई अड्डे पर हमला कर दिया। 8 दिसंबर की शाम को घर आए और इतना ही बोेले कि ऑपरेशन पर जा रहा हूं। 9 दिसंबर को पाकिस्तान के लोधरन रेलवे यार्ड पर बम बरसाकर लौटते वक्त सीमा के नजदीक पति का विमान क्रेश हो गया। वह भारत के बीकानेर में गिरा।

ये भी पढ़ें –  यूपी: TCS मैनेजर सुसाइड केस में नया खुलासा…पत्नी की बेवफाई बनी मौत की वजह, इसलिए की थी मानव से शादी

 


flying lieutenant manohar purohit missing since 1971 india pakistan war  Waiting for 54 years

3 of 5

फ्लाइट लेफ्टिनेंट मनोहर पुरोहित
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


विमान में पति का शव नहीं था। 1972 में पाकिस्तान से एक सैन्य अफसर का पत्र आया, जिसमें पति को युद्ध बंदी बनाने की जानकारी हुई। ऐसे और भी सैनिकों का पता चला, जिसके बाद सेना की ओर से 54 युद्ध बंदियों की सूची जारी हुई। 54 साल बीत गए, मुझे आज भी इनके आने का इंतजार है। पहलगाम आतंकी हमले पर वो बोलीं, बेटियों के सामने उनका सुहाग उजाड़ दिया। प्रधानमंत्री मोदीजी ने बेटियों के सिंदूर की लाज रख ली।

ये भी पढ़ें –  UP: गर्भवती पत्नी का कत्ल, मासूम बेटी का ब्लेड से रेता गला…इसलिए दी खौफनाक मौत; पति का चौंकाने वाला खुलासा

 


flying lieutenant manohar purohit missing since 1971 india pakistan war  Waiting for 54 years

4 of 5

विपुल पुरोहित
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


मुशर्रफ से मिले, नहीं किया सहयोग

 2001 में आगरा में शिखर वार्ता के दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से मिले और उन्होंने पाकिस्तान बुलाया। कराची, लाहौर समेत 14-15 जेलों को देखा, वहां रिकाॅर्ड उर्दू में और अधूरे थे। कोई उर्दू नहीं पढ़ सकता था। जेलों में भारतीय मछुआरे और भूल से बॉर्डर पार करने वाले लोग भी कैद थे। सेना के अधिकारियों के सामने वे कुछ नहीं बता पाए, लेकिन उन्होंने जेल के अंदर गुप्त बैरक की ओर इशारा किया। इस पर भारतीय कैदियों के रिकाॅर्ड मांगे तो बोले कि बकरी खा गई हैं। कोई सुनवाई नहीं हुई और मायूस होकर लौट आए।

ये भी पढ़ें –  UP: बुलंद दरवाजा परिसर में जनाना रोजा का छज्जा गिरा, मची अफरातफरी; बाल-बाल बचे पर्यटक

 


flying lieutenant manohar purohit missing since 1971 india pakistan war  Waiting for 54 years

5 of 5

सुमन पुरोहित
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


जीता भूभाग- 54 सैनिक नहीं ला पाई सरकार

फ्लाइट लेफ्टिनेंट मनोहर पुरोहित के बेटे विपुल पुरोहित ने बताया कि पिता की वापसी के लिए मेरी मां ने संघर्ष किया। सेना के अधिकारियों और नेताओं से मिलीं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। बड़ी विडंबना है कि 1971 में 93 हजार सैनिक और जीती हुई हजारों किमी जमीन पाकिस्तान लौटा दिया, लेकिन तत्कालीन सरकार 54 युद्ध बंदियों को वापस नहीं ला पाई। मां और मुझे जीवन भर टीसता रहेगा।




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *