मैनपुरी। करहल विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां की जनता बीते 22 वर्षों से बाहर के प्रत्याशी के सिर ही जीत का ताज बांधती आई है। इस उप चुनाव में भी बाहरी प्रत्याशी मुकाबले में दिख रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो करहल विधानसभा का यह रिकॉर्ड और भी बड़ा बन जाएगा। वर्ष 2000 में अंतिम बार यहां से कोई क्षेत्रीय प्रत्याशी विधायक बन सका था।

करहल विधानसभा पर मैनपुरी जिले के अलावा आसपास जिले के लोगों को बड़ा बर्चस्व रहता है। बीते 22 वर्षों में हुए 5 विधानसभा चुनावों में यहां की जनता ने बाहरी प्रत्याशियों पर ही भरोसा जताया है। वर्ष 2000 में करहल विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में यहां से अनिल यादव स्थानीय प्रत्याशी के रूप में विधायक चुने गए थे। लेकिन वर्ष 2002 से यहां लगातार बाहरी प्रत्याशी ही विधायक बनते आ रहे हैं। करहल की जनता ने बाहरी प्रत्याशियों पर ही भरोसा जताया है। वर्ष 2002, 2007, 2012 और 2017 में यहां से सोबरन सिंह यादव विधायक चुने गए। सोबरन सिंह यादव पड़ोसी जनपद इटावा के हैंबरा के मूल निवासी हैं। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने इटावा जनपद के ही सैफई निवासी सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को विधायक बनाया।

इस बार भी बाहरी चेहरों का पलड़ा दिख रहा भारी

करहल विधानसभा उप चुनाव की बात करें तो इस बार सपा ने इटावा जनपद के सैफई निवासी मुलायम सिंह यादव के पौत्र तेजप्रताप यादव को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने भी यहां से फिरोजाबाद जनपद के भारौल निवासी मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। इसके साथ ही बसपा ने यहां से भोगांव विधानसभा क्षेत्र के गांव मानिकपुर निवासी अवनीश शाक्य को मैदान में उतारा है। लेकिन चुनावी हवा पर यदि नजर डाली जाए तो यहां से चुनाव मैदान में उतरे बाहरी प्रत्याशियों का ही पलड़ा भारी दिख रहा है। हालांकि बसपा प्रत्याशी अवनीश शाक्य भी बसपा के परंपरागत वोट के साथ अपने सजातीय वोटों के भरोसे चुनाव में चुनौती देते दिख रहे हैं। अन्य प्रत्याशी संघर्ष करते दिख नजर आ रहे हैं।

चुनाव वर्ष- चुने गए विधायक का नाम- जनपद

2000- अनिल यादव- मैनपुरी

2002- सोबरन सिंह- इटावा

2007- सोबरन सिंह- इटावा

2012- सोबरन सिंह- इटावा

2017- सोबरन सिंह- इटावा

2022- अखिलेश यादव- इटावा



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