अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस

Updated Thu, 31 Oct 2024 12:01 AM IST

उल्लू देवी लक्ष्मी के वाहन के रूप में समृद्धि एवं सौभाग्य का सूचक है। तांत्रिक क्रियाओं में भी इसका खासा महत्व है। सामान्य तौर पर दिवाली के दौरान इसके शिकार और तस्करी की घटनाएं सामने आती हैं।


Forest department will stop owl hunting on Diwali

उल्लू
– फोटो : freepik



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दिवाली पर माता लक्ष्मी की सवारी माने जाने वाले उल्लू की पूजा तो होती ही है, साथ तंत्र क्रिया के लिए उसके शिकार की भी आशंका रहती है। इसे लेकर वन विभाग विशेष सतर्कता बरत रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी ने उल्लू का शिकार करने वालों की निगरानी के लिए कर्मियों की ड्यूटी लगाई है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार उल्लू देवी लक्ष्मी के वाहन के रूप में समृद्धि एवं सौभाग्य का सूचक है। तांत्रिक क्रियाओं में भी इसका खासा महत्व है। सामान्य तौर पर दिवाली के दौरान इसके शिकार और तस्करी की घटनाएं सामने आती हैं। इंटर नेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने जोखिम प्रजाति के रूप में उल्लू को चिन्हित किया है।

इस साल भी वन विभाग ने उल्लू का शिकार रोकने के लिए अलर्ट जारी किया है। विभागीय अधिकारियों ने साफ तौर पर निर्देश जारी किए हैं कि दिवाली पर उल्लू के शिकार और तस्करी की घटनाओं पर विशेष निगाह रखी जाए। प्रभागीय वनाधिकारी ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर कहीं इस तरह का कोई क्रिया कलाप होता दिखे तो पुलिस, वन अधिकारी या सक्रिय एनजीओ को सूचित करें।



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