Former minister Chaudhary Bashir acquitted in 12 year old criminal case 37 supporters also got relief

यूपी के पूर्व मंत्री चौधरी बशीर

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आगरा में अदालत ने बिना अनुमति चुनाव के दौरान जुलूस निकालने के आरोप में पूर्व मंत्री चौधरी बशीर और उनके 38 समर्थकों को बरी करने के आदेश किए। केस थाना मंटोला में वर्ष 2012 में दर्ज किया गया था।

थाना मंटोला में दर्ज केस के अनुसार एसआई अखिलेश कुमार ने तहरीर में बताया था कि 6 फरवरी 2012 को वह ड्यूटी पर थे। आरोप लगाया कि उसी समय पूर्व विधायक चौधरी बशीर हजारों समर्थकों के साथ जुलूस के रूप में नामांकन दाखिल करने जा रहे थे। जुलूस में शामिल लोग धार्मिक नारेबाजी और शोर-शराबा कर रहे थे। रास्ता अवरुद्ध हो गया। लोग डर के मारे अपनी दुकानों के शटर गिराने लगे। बिना अनुमति जुलूस निकाला जा रहा था।

इस पर चौधरी बशीर के अलावा मोनू, मिस्वाह, आरिफ, बाबू, मुस्तकीम, मुईम, गुड्डू, चांदो, भैय्यू उर्फ एहतिशाम, सगीरो, फैसल, वाहिद, इरफान, इमरान, तौफीक, शाहिद, अलाउद्दीन, खालिद, पप्पू, प्रिंस, मुबीन, असलम, वाहिद, नौशाद, निजामो, गुड्डू, ताहिर, सिराज, सुभान, आदिल, चांद, दानिश, दिलशाद, कदीर, रिजवान, कल्लू एवं मोटा शरीफ के विरुद्ध 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 7 सीएलए एक्ट व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया।

अभियोजन की ओर से वादी सहित 7 गवाह अदालत में पेश किए गए। अदालत ने स्वतंत्र गवाह का अभाव बताया, घटना की रिपोर्ट चुनाव आयोग को प्रेषित नहीं करने, पोस्टर-झंडे की बरामदगी नहीं करने आदि तथ्यों और आरोपियों के अधिवक्ता रोहित राठौर व मंजू सिंह के तर्क पर आरोपियों को बरी करने के आदेश किए।



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