
पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी
– फोटो : amar ujala
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जमीन घोटाले में सादुल्लाहनगर (उतरौला) के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी एक बार फिर कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं। वर्ष 1987 से 1990 में चकबंदी न्यायालय को फर्जी शपथ पत्र व दस्तावेज से गुमराह कर 1.83 एकड़ यानि नौ बीघे जमीन अपने प्रबंधकीय वाले विद्यालय के नाम दर्ज करा लिया।
जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने पूरे मामले की जांच कराई। पूरा मामला उजागर होने पर उन्होंने विद्यालय के दर्ज नाम को निरस्त कर फिर से ग्राम समाज के नाम दर्ज करा दिया। जमीन की कीमत साढ़े पांच करोड़ आंकी गई है।
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मामला तहसील उतरौला के ग्राम व परगना सादुल्लाहनगर का है। जहां पर ग्रामसभा की नवीन परती भूमि गाटा संख्या 1433 को आरिफ अनवर हाशमी निवासी सादुल्लाह नगर उतरौला ने सन 1987 व 1990 में जब उतरौला तहसील पूर्ववर्ती जनपद गोंडा की तहसील थी। उस समय चकबंदी न्यायालय से अपने कालेज किसान विद्यालय सादुल्लाह नगर के नाम दर्ज कराकर खतौनी में दर्ज करा ली थी।
बीते तीन माह पहले जिलाधिकारी को इसकी गोपनीय शिकायत मिली थी। जांच में गोंडा जिले से अभिलेख मंगाए गए और बारीकी से छानबीन हुई। बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन की हेराफेरी का मामला समाने आया। डीएम ने बीते आठ अप्रैल को ही मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद उतरौला तहसील ने खतौनी में नवीन परती के रूप में जमीन को दर्ज कर दिया।
