Former President Ramnath Kovind attended the program of Sir Padampat Singhania Education Center

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


आज के युवाओं को तकनीक, नए गैजेट्स, टूल्स के बारे में बहुत जानकारी है। अच्छी बात है, लेकिन उन्हें संस्कृति से जोड़े रखना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। शिक्षक छात्रों को एआई, एमएल के साथ संस्कार का भी पाठ पढ़ाएं। साथ ही छात्रों को जमीन से जुड़े होकर आसमान छूने की शिक्षा दें। ये बातें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहीं। सर पदमपत सिंहानिया एजुकेशन सेंटर स्कूल के 42 साल और जेके ग्रुप संस्थान के 140 साल पूरे होने पर विद्यालय के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल कोविंद ने कहा कि कानपुर ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब की दिशा में आगे बढ़े। टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ाने का मौका है। टेक्सटाइल इंडस्ट्री शहर का गौरव है, इसे वापस लाने के प्रयास करने होंगे। यहां आईआईटी जैसे संस्थान हैं जो रिसर्च एंड डेवलपमेंट में मदद कर सकते हैं।

Trending Videos

कोविंद ने कहा कि जेके आर्गेनाइजेशन की कई पीढ़ियों ने देश की सेवा की है। उद्योगों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी काम किया है। अभी तक अंग्रेजों के जमाने की शिक्षा पद्धति का ही पालन किया जा रहा था। नई शिक्षा नीति से कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इनोवेशन को बढ़ावा दिया गया है। नई शिक्षा नीति के मजबूत पंखों की मदद से छात्र देश को विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा करेंगे।

सुनसान पड़ी है लाल इमली

कोविंद ने कहा कि उद्योगों में शहर का नाम था। ब्रिटेन की महारानी एल्गिन मिल में तैयार तौलिए का ही इस्तेमाल करती थी। कानपुर की लाल इमली का कपड़ा दुनिया भर में मशहूर था। लाल इमली शहर की शान थी, लेकिन अब पूरी मिल सुनसान है।

जो हूं, जैसा भी हूं, कानपुर की बदौलत हूं

कोविंद ने कहा कि परौंख से शुरू हुआ मेरा सफर राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा। जो हूं, जैसा भी हूं, अपने कानपुर की बदौलत हूं। कानपुर से विशेष लगाव है। कोविंद ने कहा कि कार्यक्रम के आने दौरान बच्चों की ओर से लगाई प्रदर्शनी में ले जाया गया। कक्षा चार की बच्ची आद्या ने पॉटरी मेकिंग का डिस्प्ले किया। इस उम्र में तो मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ कर सकता हूं। कक्षा 11 के रुद्राक्ष और आयुष प्रताप ने ड्रोन तैयार किए थे। उन्होंने कहा कि दोनों बच्चों का जिक्र इसलिए किया क्योंकि हमें ऐसा ही बनना है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *