
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व संविदा कर्मचारी ने अधिकारियों पर बहाली के एवज में घूस मांगने का आरोप लगाया है। पत्र लिखकर इसकी शिकायत राष्ट्रपति और राज्यपाल से की है। उसने परिवार सहित आत्महत्या की अनुमति भी मांगी है।
विश्वविद्यालय के पूर्व संविदाकर्मी वीरेश कुमार ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि वह 24 सालों से विश्वविद्यालय में काम कर रहे थे। इतिहास विभाग के दो शिक्षकों ने साजिश के तहत मार्कशीट जलाने में फंसा दिया। मुकदमा भी दर्ज करा दिया। बहाल करने के लिए विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के पत्र पर कुलपति ने जांच कमेटी गठित की। इसकी रिपोर्ट कार्य परिषद में रखी गयी। परिषद ने वीरेश की ओर से दर्ज कराए मुकदमे वापस लेने की स्थिति में बहाली पर विचार करने की बात कही। मुकदमे वापस लेने पर भी अभी तक बहाली नहीं हुई है। उससे बहाली के लिए घूस मांगी जा रही है।
कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार का कहना संविदा कर्मचारी पर मुकदमा होने पर संविदा समाप्त हो गयी थी। इसकी बहाली का प्रकरण कार्य परिषद में रखा था, कार्य परिषद ने कर्मचारी की बहाली से मना कर दिया था। कर्मचारी दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रहा है।