Four arrested for fake payment in Barampur.

गिरफ्तार किए गए आरोपी।
– फोटो : amar ujala

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मोबाइल से फेक फोन पे के माध्यम से दुकान व पेट्रोल पंप पर भुगतान का फर्जी संदेश दिखाकर ठगी करने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लगातार तीन घटनाओं के बाद पुलिस चौकन्ना हो गई। पुलिस ने सतर्कता बढ़ाकर नए तरीके से होने वाली ठगी की घटनाओं का खुलासा किया है।

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एसपी विकास कुमार ने बुधवार को बताया कि 12 जनवरी को नगर कोतवाली के मोहल्ला सिविल लाइन निवासी शिवदत्त द्विवेदी ने देहात कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर में कहा कि 30 दिसंबर की रात 1.36 बजे स्वीफ्ट कार के चालक व अन्य दो लोगों ने 3189 रुपये का पेट्रोल भरवाया। भुगतान का फर्जी मैसेज दिखाकर ठगी किया। पुलिस ने तीन अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया।

इसी तरह उतरौला कोतवाली के सुभाषनगर निवासी विकास गुप्ता ने पुलिस को तहरीर दी। कहा कि कार सवार चार लोग उनकी दुकान पर जैकेट खरीदने आए। दो हजार रुपये की तीन जैकेट खरीदा और फर्जी पेमेंट का स्क्रीनशॉट दिखाकर भुगतान किया लेकिन पैसा नहीं आया। पुलिस ने चार अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया। थाना ललिया के नई बस्ती महेश पासवान ने कार सवार तीन अज्ञात के विरूद्ध तहरीर दी कि फर्जी भुगतान दिखाकर 14 हजार रूपये की बैटरी खरीद करके उनके साथ ठगी कर लिया। 

फुलवरिया बाइपास से किया गया गिरफ्तार

एसपी ने बताया कि इस प्रकार की साइबर ठगी की घटनाओं का खुलासा करने के लिए एएसपी नम्रिता श्रीवास्तव व सीओ सिटी बृजनंदन राय के नेतृत्व में दो टीमें गठित की गई। टीम ने देहात कोतवाली के फुलवरिया बाइपास नरकटिया मोड़ के निकट थाना तुलसीपुर के सोनुपर धुतकहवा निवासी चंद्रप्रकाश यादव उर्फ राजन यादव, थाना गौरा चौराहा के रमनगरा निवासी पंकज यादव, थाना तुलसीपुर के देवीपाटन निवासी प्रियांशु गुप्ता व देहात कोतवाली के अगरहवा निवासी राजेश श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया। 

चंद्रप्रकाश के पास से एक पिस्टल, दो कारतूस, पंकज यादव के पास से एक कट्टा व कारतूस, तीन मोबाइल एटीएम कार्ड व काल टेप बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान राजन यादव ने बताया कि चारों लोग मिलकर प्रियांशु व इरशाद के मोबाइल से फेक फोन ऐप के माध्यम से दुकान व पेट्रोल पंप पर भुगतान का फर्जी संदेश दिखाकर भाग जाते थे, जबकि वास्तव में भुगतान नहीं होता था। कार के नंबर पर काले रंग वाले टेप को चिपकाकर फर्जी नंबर लगा देते थे, जिससे पुलिस की पकड़ में न आ सकें। एसपी ने घटना का खुलासा करने वाली टीम को पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।



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