Four people including a history-sheeter sentenced to life imprisonment for the murder of a father and son

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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20 साल पहले फिरौती के लिए पिता-पुत्र की हत्या कर शव ठिकाने लगाने के मामले में हिस्ट्रीशीटर सहित चार लोगों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर 1.20-1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कर्नलगंज निवासी रूप कुमार कपूर ने 12 मार्च 2004 को गांव नगला दुर्गू निवासी हिस्ट्रीशीटर राम मिस्टर यादव, मोहल्ला दालमंडी निवासी शरद दुबे उर्फ बालाजी, अजीत दुबे, नौकर मेवाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

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इसमें बताया कि भाई बब्बू कपूर का पुत्र शिवम 18 दिसंबर 2003 को स्कूल में पढ़ने गया और वापस नहीं आया। 19 दिसंबर 2003 को पुलिस ने शिवम की गुमशुदगी दर्ज कर ली। राम मिस्टर यादव, शरद दुबे उर्फ बाला जी, अजीत दुबे ने शिवम को छोड़ने के नाम पर ढाई लाख की फिरौती मांगी। बब्बू कपूर पुत्र को छुड़वाने के लिए ढाई लाख रुपये लेकर नौकर मेवाराम के साथ राम मिस्टर के पास गए। इन लोगों ने भतीजे शिवम की पहले ही हत्या कर शव को गायब कर दिया था। भाई बब्बू की भी हत्या कर शव छिपा दिया। फिरौती के ढाई लाख रुपये भी हड़प लिए।



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