सात साल पहले 10 किसानों से हुई छोटी सी शुरुआत आज 1500 किसानों के समूह तक पहुंच गई है। इन्होंने गेहूं और धान की परंपरागत खेती को छोड़कर बीज उत्पादन व मोटे अनाज की ओर रुख किया।



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