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एक जुलाई से तीन नए क्रिमिनल लॉ लागू होने जा रहे हैं। जुलाई की पहली तारीख से 1860 में बनी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, 1898 में बनी सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम ले लेगी।
जेडी अभियोजन चंद्रप्रकाश चौधरी ने बताया कि अब कोई भी व्यक्ति आप अपने साथ होने वाले अपराध के संबंध में मुकदमा किसी भी थाने में दर्ज करा सकेंगे। इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए लिस थाने जाने की जरूरत नहीं होगी। थानेदार के सीयूजी नंबर पर फोन करके या ईमेल के माध्यम से मुकदमा दर्ज करा सकेंगे।
फोन तथा ईमेल पर मुकदमा लिखाने के बाद के तीन दिनों के भीतर थाने जाकर उस रिपोर्ट पर दस्तखत करने होंगे। एक जगह घटी घटना की रिपोर्ट किसी दूसरे थाने में भी लिखवाई जा सकेगी। ऐसे मामलों में पुलिस जीरो एफआईआर दर्ज कर संबंधित थाने को केस ट्रांसफर करेगी। विदेश में बैठकर अपराध करने वालों के खिलाफ भी रिपोर्ट लिखवाई जा सकेगी।