उत्तर प्रदेश में ऊर्जा विभाग 1912 पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए नई रणनीति अपनाने जा रहा है। शिकायतों के निस्तारण के लिए अब उपकेंद्र प्रभारी (एसडीओ) से लेकर प्रबंध निदेशक (एमडी) तक जिम्मेदार होंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर में कई बदलाव किए गए हैं। जल्द ही इसे लागू करने की तैयारी चल रही है। फिलहाल प्रदेशभर में 63 हजार से अधिक शिकायतें लंबित हैं।

बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए टोलफ्री नंबर 1912 है। उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि टोल फ्री नंबर पर कॉल करने से बात नहीं होती है। कई बार कॉल करने पर फोन उठा भी तो बिना पूरी बात सुने कट जाता है। शिकायत दर्ज भी हो गई तो दूर नहीं की जाती है। 

कई बार बिना शिकायत दूर किए ही उसके निस्तारित होने का संदेश भेज दिया जाता है। ऐसे में अब ऊर्जा विभाग ने 1912 का नया मॉडल विकसित किया है। इसमें कई तरह के बदलाव किए गए हैं। अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया गया है। सर्वर से लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए चरणवार जिम्मेदारी तय की गई है।

प्रबंध निदेशक तक शिकायत का विवरण जाएगा

1912 पर आई हर कॉल का रिकॉर्ड देखा जा सकेगा। कॉल ड्रॉप होने पर भी उसका विवरण रहेगा। शिकायत दर्ज हुई तो उसके बारे में एसडीओ को सूचना जाएगी। उसके स्तर से निस्तारित नहीं होने पर अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता के स्तर से होते हुए प्रबंध निदेशक तक शिकायत का विवरण जाएगा। सभी संबंधित शिकायतों की ऑनलाइन निगरानी कर सकेंगे। जिस स्तर पर शिकायत निस्तारण में देरी होगी, उसे कारण बताना होगा। कॉल सेंटर के किसी कर्मी ने शिकायतकर्ता से अभद्रता की तो इसकी जानकारी तत्काल उच्चाधिकारियों को मिल जाएगी।

पीएनआर की तरह शिकायत होगी ट्रैक

कॉर्पोरेशन के निदेशक (आईटी) सरोजित घोष ने बताया कि शिकायत करने वाले के मोबाइल नंबर पर पीएनआर की तरह मेसेज जाएगा। उसके आधार पर शिकायतकर्ता देख सकेगा कि उसकी शिकायत के निस्तारण का स्तर क्या है? यानी शिकायत निस्तारण के संबंध में किस-किस अधिकारी ने काम किया है। इसी तरह 1912 का कॉल सेंटर अभी तक निगमवार है। अब इसे केंद्रीयकृत किया जा रहा है। लखनऊ और नोएडा में कंट्रोल रूम होगा। इससे हर तरह की शिकायतें पॉवर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष भी देख सकेंगे।

1912 पर लंबित शिकायतें (1 अप्रैल 2022 से 27 जुलाई 2025 तक)

 







































डिस्कॉम आईं शिकायतें लंबित शिकायतें
दक्षिणांचल 3587688 12659
मध्यांचल 7115345 15888
पूर्वांचल 2931565 16083
पश्चिमांचल 3802240 10090
केस्को 448674 8948
कुल 17885512 63668

 

ओटीपी लागू हो तभी मिल पाएगा मुआवजा

1912 पर शिकायतें निस्तारित नहीं होने पर उपभोक्ता को मुआवजा देने का नियम है। इसके लिए ओटीपी व्यवस्था लागू करने की जरूरत है ताकि बिना शिकायत निस्तारित किए ही निस्तारण संबंधी मैसेज न भेजा जाए। नियामक आयोग ने पॉवर कॉर्पोरेशन को इस संबंध में तीन माह में प्लान बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं बनी है। –अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद

क्या कहते हैं जिम्मेदार

1912 की शिकायतों को लेकर हर बैठक में निर्देश दिया गया है। प्रबंध निदेशकों को कॉल सेंटर का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। नए मॉडल में देश- दुनिया में अपनाई जा रही अत्याधुनिक तकनीक को शामिल किया गया है। इसका फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। –डॉ. आशीष कुमार गोयल, अध्यक्ष पॉवर कॉर्पोरेशन



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