Gandhi Jayanti 2024 Special Story Mahatma Gandhi connected to Kashi and Gyanvapi

काशी में महात्मा गाधी
– फोटो : बीएचयू

विस्तार


महात्मा गांधी के तार काशी और ज्ञानवापी भी जुड़े हैं। उन्होंने अपने लेखों में कहा था कि मंदिरों को तोड़कर बनाई गईं मस्जिदें गुलामी के चिन्ह हैं। बिना पूछे किसी की जमीन पर इमारत खड़ी करना सरासर डाकेजनी है। वहीं, एक बार जब श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने आए तो ज्ञानवापी की ओर भी गए। भगवान के न मिलने पर उन्होंने कहा था कि मेरा मूड अच्छा नहीं है। इन बातों का जिक्र उनकी एन ऑटो बायोग्राफी, यंग इंडिया और नवजीवन पत्रिका में छपे लेखों में भी है।

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पहला जिक्र 

1918-19 की बात है। गांधी जी सुबह-सुबह ट्रेन से बनारस पहुंचे थे। गंगा स्नान और पूजा के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की ओर गए। गांधी जी लिखते हैं कि मैं वहां बहुत दुखी हुआ। रास्ता संकरा था। फिसलन भरी गली और शोर असहनीय था। बहरहाल, गांधी जी दर्शन के बाद ज्ञानवापी के पास पहुंचे। उन्होंने कहा, मैंने यहां भगवान को खोजा, लेकिन वो मुझे नहीं मिले। इसलिए मेरा मूड बहुत अच्छा नहीं था। ज्ञानवापी के आसपास का वातावरण भी मुझे गंदा लगा। मैं दक्षिणा देने को तैयार नहीं था, इसलिए मैंने एक पाई भेंट की। इस पर पंडा क्रोधित हो उठे।



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