Ganga ghats of varanasi dirt spread by Ganga committees after ganga arti

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– फोटो : अमर उजाला

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गंगा को निर्मल और स्वच्छ बनाने के दावे हकीकत से कोसों दूर हैं। घाट किनारे बनी समितियां यूं तो सुबह-शाम आरती के जरिये गंगा निर्मलीकरण का संदेश देती हैं। वहीं, खुद पाइप से घाटों को धोने के नाम पर गंगा में गंदगी बहा रही हैं। रोजाना दोपहर 12 से 3 के बीच घाटों पर ये नजारा आम है।

दशाश्वमेध, शीतला, अस्सी आदि घाटों पर पाइप से घाटों की सफाई कर कूड़ा गंगा में बहा दिया जा रहा है। गंदगी की वजह से स्नान करने वालों को परेशानी हो रही है। वहीं, लोग भी साबुन, शैंपू आदि का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। जुर्माना का बोर्ड और प्रावधान बस दिखावा साबित हो रहे हैं।

डस्टबिन लगे होने के बावजूद लोग निर्माल्य के नाम पर कचरा फेंककर जा रहे हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही वजह है कि सिंधिया, बालाजी, रामघाट, गंगा महल घाट पर गंगा का पानी काला है। दूषित जल में लोग धार्मिक कार्य करने से कतरा रहे हैं।

अधिकारी बोले

गंगा घाट की समितियों के साथ बैठक कर बेहतर रणनीति तैयार की जाएगी। कोशिश होगी कि समितियों के सहयोग से गंगा और घाटों को और बेहतर किया जाए। -डॉ. प्रदीप कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी



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