मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाए गए गैंगस्टर सुनील सरधानिया का नाम 16 साल पहले आगरा के पिनाहट थाना क्षेत्र में सराफ की हत्या में आया था। पुलिस ने चार आरोपियों के साथ उसे भी गिरफ्तार किया था। कोर्ट के आदेश पर चारों को जेल भेज दिया था। हालांकि, साक्ष्य के अभाव में सभी बरी हो गए थे। 

सराफ के परिवार का कहना है कि पुलिस ने गलत आरोपियों को जेल भेजा था। इस वजह से उन्हें सजा नहीं हो सकी। पुलिस के अनुसार पिनाहट निवासी राजकुमार गुप्ता के बेटे संजय की कस्बा के बाजार में सोने-चांदी की दुकान थी। 18 फरवरी 2009 को वो दुकान बंद करके घर आ रहे थे। रास्ते में घर के पास गली में बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। हाथ से जेवरात से भरा थैला छीनने का प्रयास किया। संजय ने विरोध किया। इस पर बदमाशों उन्हें गोली मार दी, जिससे उनकी माैत हो गई। 

मामले में राजकुमार की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।पुलिस ने घटना का खुलासा किया। इसमें खिरकिया मोहल्ला, पिनाहट निवासी प्रकाश, बलराम के अलावा सोनीपत, हरियाणा निवासी सुंदर काला और रोहतक, हरियाणा निवासी सुनील सरधानिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। राजकुमार गुप्ता के मुताबिक, उनकी कोर्ट में पेशी हुई थी मगर आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी। इस कारण वो बरी हो गए थे। उधर, मामले में डीसीपी पूर्वी जोन अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि केस में नए तथ्य प्रकाश में आने पर जांच कराकर कार्रवाई कराई जाएगी।

 



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