
गरुड़ पुराण का पाठ आम तौर पर घर पर किसी परिजन की मृत्यु के बाद किया जाता है. मान्यता है कि मृतक की आत्मा 13 दिनों तक घर में रहती है, इसलिए उस समय गरुड़ पुराण का पाठ करने से उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. हालांकि, गरुड़ पुराण को किसी परिजन की मृत्यु से पहले या कभी भी पढ़ा जा सकता है.
गरुड़ पुराण के बारे में कुछ और बातें:
गरुड़ पुराण, हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है. इसमें जन्म, मृत्यु, और मृत्यु के बाद की घटनाओं का वर्णन है.
गरुड़ पुराण में विष्णु से जुड़ी भक्ति और पूजा की विधियां भी बताई गई हैं.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि किसी जीव की मृत्यु के बाद उसे कौन सी योनि प्राप्त होती है.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि श्राद्ध और पवित्र कर्म कैसे करने चाहिए.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को नर्क के दुखों से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है.
गरुड़ पुराण में तुलसी के महत्व के बारे में भी जिक्र किया गया है.
यमलोक मौत के 24 घंटे बाद आत्मा यमलोक से वापस पृथ्वी पर क्यों लौटती है, जानें गरुड़ पुराण के अनुसार यमलोक के 5 रहस्य । गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद का संसार बहुत ही रहस्यमय होता है। पृथ्वी पर मौत के बाद व्यक्ति की आत्मा को यमलोक में जाना पड़ता है लेकिन यमलोक जाने के बाद भी व्यक्ति की आत्मा 24 घंटे के लिए वापस पृथ्वी पर लौटती है। गरुड़ पुराण में जीवन के बाद के ऐसे ही रहस्यों का वर्णन हैं। आइए, जानते हैं गरुड़पुराण के विचित्र रहस्य। मनुष्य के मरने के बाद क्या होता है? क्या उसे सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है? या फिर इस संसार को छोड़ने के बाद किसी दूसरे संसार में उसकी एक और यात्रा शुरू होती है? कई बार ऐसे सवाल हमारे मन में आते हैं। आपके मन में भी अगर मृत्यु के बाद के संसार के बारे में जानने की इच्छा होती है, तो आपको गरुड़ पुराण पढ़नी चाहिए। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद क्या होता और आत्मा को किस मार्ग से गुजरना पड़ता है, इन बातों का वर्णन मिलता है। आज हम आपको बताएंगे कि मृत्यु के बाद आत्मा वापस धरती पर क्यों लौटती है। आइए, जानते हैं मृत्यु से जुड़े गरुड़ पुराण के पांच रहस्य (१)-गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद क्या होता और आत्मा को किस मार्ग से गुजरना पड़ता है, इन बातों का वर्णन मिलता है। गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के दरवाजे पर खड़ा व्यक्ति का गला सूखने लगता है। उसकी त्वचा से नमी भी सूखने लग जाती है।
(२)-मृत्यु के समीप खड़े व्यक्ति को आवाजें आनी बंद हो जाती हैं। वो बोलना तो बहुत कुछ चाहता है लेकिन उसका गला जैसे जाम हो जाता है। इसके बाद यमराज उसके प्राण खींचने के लिए आते हैं, जो केवल उसी व्यक्ति को दिखाई देते हैं। यमराज को देखकर व्यक्ति बहुत कुछ बोलना चाहता है लेकिन उसकी आवाज बंद हो जाती है। अंत में यमराज व्यक्ति के प्राण खींच लेते हैं और उसकी आत्मा को अपने साथ यमलोक में लेकर चले जाते हैं।
( ३)-जब मनुष्य की आत्मा को मनुष्य के शरीर से खींच लिया जाता है, तो व्यक्ति की आत्मा को लेकर यमराज पृथ्वीलोक में आते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति की मृत्यु के बाद पापी मनुष्य को ढाई मुहूर्त यानी 24 घंटे के लिए यमराज धरती पर लेकर आते हैं। पृथ्वीलोक पर आकर यमराज व्यक्ति के कर्मों का लेखा एक बार फिर से देखते हैं और 24 घंटे के लिए मनुष्य की आत्मा पृथ्वी पर विचरण करती है। हिन्दू धर्म में जो मनुष्य मर जाता है, उसकी तेरहवीं की जाती है। 13 दिनों तक मृतक परिजन जो भी मृत्यु से जुड़े हुए कर्मकांड करते हैं, उससे मृतक व्यक्ति का सूक्ष्म शरीर तैयार होता है। इस सूक्ष्म शरीर में मृतक व्यक्ति की आत्मा बसती है। इस सूक्ष्म शरीर में बसकर मृतक व्यक्ति की आत्मा तेरहवें दिन यमलोक की यात्रा शुरू करती है। जब आत्मा को शरीर मिल जाता है,
पैदल यमलोक की यात्रा कब करती है आत्मा
(४)-तो इस बार उसे पैदल चलकर यमलोक पहुंचना होता है।जब मृतक व्यक्ति को सूक्ष्म शरीर मिल जाता है, तो वो यमराज के साथ वायु मार्ग से नहीं बल्कि यमलोक जाने के लिए पैदल ही यात्रा करता है। गरुड़ पुराण के अनुसार यमलोक की दूरी 99 हजार योजन है यानी 11 लाख 99 हजार 988 किलोमीटर है। इतनी लंबी यात्रा करना आसान नहीं होता यमलोक पहुंचने के ये रास्ते कई व्याधि से होकर निकलता हैं। अगर व्यक्ति ने अपने जीवन में कई तरह के गलत कर्म किए हैं, तो फिर उसके लिए ये रास्ते और भी कठिन हो जाते हैं। (५)-जब सूक्ष्म शरीर धारण करके मृतक व्यक्ति की आत्मा यमलोक में पहुंचती है, तो उसे यमलोक के 16 नगरों से होकर गुजरना पड़ता है। इन 16 नगरों में किसी व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल भोगना पड़ना है, अगर किसी व्यक्ति ने जीवन में दूसरों का बुरा करके कामयाबी हासिल की हो, तो उसे इसी के अनुसार सजा दी जाती है। इसका अर्थ यह है कि किसी व्यक्ति को कर्म के अनुसार ही इन नगरों में सजा दी जाती है। गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद का संसार बहुत ही रहस्यमय होता है। पृथ्वी पर मौत के बाद व्यक्ति की आत्मा को यमलोक में जाना पड़ता है लेकिन यमलोक जाने के बाद भी व्यक्ति की आत्मा 24 घंटे के लिए वापस पृथ्वी पर लौटती है। गरुड़ पुराण में जीवन के बाद के ऐसे ही रहस्यों का वर्णन हैं। आइए, जानते हैं गरुड़पुराण के विचित्र रहस्य।मनुष्य के मरने के बाद क्या होता है? क्या उसे सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है? या फिर इस संसार को छोड़ने के बाद किसी दूसरे संसार में उसकी एक और यात्रा शुरू होती है? कई बार ऐसे सवाल हमारे मन में आते हैं। आपके मन में भी अगर मृत्यु के बाद के संसार के बारे में जानने की इच्छा होती है, तो आपको गरुड़ पुराण पढ़नी चाहिए। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद क्या होता और आत्मा को किस मार्ग से गुजरना पड़ता है, इन बातों का वर्णन मिलता है। आज हम आपको बताएंगे कि मृत्यु के बाद आत्मा वापस धरती पर क्यों लौटती है। आइए, जानते हैं मृत्यु से जुड़े गरुड़ पुराण के पांच रहस्य।
यमलोक में 16 नगर बहुत भयानक हैं।

विस्तार से पढ़िए जब सूक्ष्म शरीर धारण करके मृतक व्यक्ति की आत्मा यमलोक में पहुंचती है, तो उसे यमलोक के 16 नगरों से होकर गुजरना पड़ता है। इन 16 नगरों में किसी व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल भोगना पड़ना है, अगर किसी व्यक्ति ने जीवन में दूसरों का बुरा करके कामयाबी हासिल की हो, तो उसे इसी के अनुसार सजा दी जाती है। इसका अर्थ यह है कि किसी व्यक्ति को कर्म के अनुसार ही इन नगरों में सजा दी जाती है। हिन्दू धर्मानुसार जब किसी के घर में किसी की मौत हो जाती है तो 13 दिन तक गरूड़ पुराण का पाठ रखा जाता है। शास्त्रों अनुसार कोई आत्मा तत्काल ही दूसरा जन्म धारण कर लेती है। किसी को 3 दिन लगते हैं, किसी को 10 से 13 दिन किसी दिन लगते हैं । गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा की गति का विवरण है। उसके कर्मों अनुसार क्या क्या गति मिलेगी ऐसा जिक्र इस पुराण में है। इसलिए इसे आम आदमी पढ़ने से डरता है। बाकी इसे कोई भी कभी भी पढ़ सकता है।