शिव चातुर्य दिवस पर आगरा किला से राजगढ़ महाराष्ट्र के लिए गरुड़ उड़ान यात्रा का शुभारंभ रविवार को हुआ। यात्रा में शामिल 1000 धावक और 100 साइकिल सवार 78 शहरों से होकर 90 दिन में 1253 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। देशभर में यात्रा के माध्यम से शिवाजी के शौर्य और बुद्धिमत्ता का संदेश दिया जाएगा।

मुगल बादशाह औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी का आगरा किला में अपमान किया था। उन्हें कैद कर कोठी मीना बाजार में रखा गया। शिवाजी अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई से 17 अगस्त 1666 को औरंगजेब की कैद से निकले में सफल हुए थे। इस दिन को समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान संस्था पिछले छह साल से शिव चातुर्य दिवस के रूप में मना रहा है।

आगरा किला के सामने शिवाजी प्रतिमा से यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इससे पहले आरबीएस कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम में समारोह हुआ। महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि शिवाजी से कठिन परिस्थितियों में धैर्य और बुद्धिमता से कार्य करने की सीख मिलती है। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि इतिहास ने हिंदू योद्धाओं के साथ न्याय नहीं किया।

स्वराज्य के महान योद्धा शिवाजी का कोठी मीना बाजार में भव्य स्मारक बनेगा। इस मौके पर डॉ. वात्सल्य उपाध्याय, भुवन भूषण शर्मा, महंत निर्मल गिरी गोस्वामी, आशीष गौतम, राजेश अग्रवाल, प्रीति उपाध्याय, डॉ सिमरन उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

मराठी कलाकारों ने दिखाई युद्ध कला

यात्रा संयोजक मारुति आभा गोले ने बताया कि मराठी कलाकारों ने तलवार और लाठी से युद्धकला का प्रदर्शन किया। नाटक के माध्यम से शिवाजी की गरुड़ उड़ान प्रस्तुत की। इस यात्रा में 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने करीब 1253 किमी. साइकिल चलाने का संकल्प लिया है।

 



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