Gas cylinder found on track: Mischief or terrorist conspiracy, ATS investigated

बर्राजपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पर जांच करते अधिकारी
– फोटो : amar ujala

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आतंकी साजिश की आशंका पर शिवराजपुर के पास रेलवे ट्रैक किनारे सिलिंडर मिलने की आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को एटीएस की टीम ने घटनास्थल की जांच की। ट्रैक के पास मिला गैस सिलिंडर वहां कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी के लिए जांच में लगी आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस ने रेलवे स्टेशन के आसपास लगे लगभग 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले हैं। एक संदिग्ध को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। फिलहाल अभी जांच टीम के हाथ कोई साक्ष्य नहीं लग सका है।

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मंगलवार रात करीब नौ बजे बर्राजपुर रेलवे स्टेशन के यार्ड के पास दो रेलवे ट्रैक के बीच घरेलू इस्तेमाल वाला पांच किलो का गैस सिलिंडर रखा मिला था। सिलिंडर के पास एक पर्चा भी मिला था। इसमें गिन्ना गिहार और रंजीत का नाम लिखा है। पुलिस के मुताबिक, मक्का का पुरवा गांव निवासी गिन्ना पुलिस का मुखबिर था। उसकी सूचना पर 2019 में तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने शराब का बड़ा काम बंद कराया था। उसी के बाद से रेल से जुड़ीं इन घटनाओं में गिन्ना और उसके बेटे रंजीत के नाम सामने आ रहे हैं। 20 फरवरी 2019 में कालिंद्री एक्सप्रेस के बाथरूम के पास धमाका हुआ था। उस घटना के दौरान मिले पत्र में भी गिन्ना, रंजीत और अमर के नाम लिखे थे। अमर गिन्ना का ममेरा भाई है। 2019 में गिन्ना गिहार के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। विवेचना के दौरान गिन्ना के विरोधी जगदीश समेत 150 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई। विवेचना और जांच के दौरान धमाका करने वाले का पता नहीं लगा था, इसलिए फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी।

आठ नवंबर 2024 को शिवराजपुर के मुंडेरी क्राॅसिंग के पास फिर गैस सिलिंडर रेलवे ट्रैक पर रखा गया था। इस घटना के दौरान भी एक पत्र मिला था। इसमें भी रंजीत, गिन्ना के साथ मोटू उर्फ अनार, अमर सिंह और अंकित के नाम लिखे थे। अब एक जनवरी को खाली सिलिंडर के पास मिले पत्र में भी अमर सिंह, रंजीत और गिन्ना के नाम लिखे हैं। पुलिस ने पहले मिले दोनों पत्रों की हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई तो काफी समानता मिली थी। अब तीसरे पत्र की भी राइटिंग पहले वालों पत्रों से मेल खा रही है। इस पत्र को भी जांच के लिए हैंड राइटिंग एक्सपर्ट को भेजा जाएगा।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था हरीश चंदर और डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया घटना के पीछे किसी शरारती तत्व का हाथ प्रतीत हो रहा है, जो गिन्ना और उसके परिवार को फंसाना चाह रहा है। आतंकी साजिश से भी पूरी तरह इन्कार नहीं किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।



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