
साजिश रचकर 5.26 करोड़ रुपये का गबन किया
इसके बाद दोनों मिलकर एटीएम में रुपये डालने का काम करने लगे। एटीएम में रोजाना करोड़ों रुपये डालते हुए ही उनके मन में लालच आ गया और उन्होंने साजिश रचकर 5.26 करोड़ रुपये का गबन कर दिया। इनकी योजना थी कि रकम को गड्ढों में दबी छोड़कर दूसरे राज्य में पुलिस से सेटिंग करके जेल चले जाएंगे और जेल से आने के बाद उस रकम को निकालेंगे। काफी हद तक अपनी योजना में वह कामयाब भी हो गए और चंडीगढ़ में एक लाख रुपये में पुलिस से सेटिंग करके तमंचा व कारतूस के साथ जेल भी चले गए। मगर, वह सेटिंग का खेल खुल गया और उच्च अधिकारियों तक मामला पहुंचने पर तुरंत यहां लाकर रिमांड पर लिया गया।
पूरी तैयारी से दबाए थे रुपये, पुलिस से कई जगह कराई खोदाई
मुख्य आरोपी गौरव और रॉकी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को चकमा देने का भी प्रयास किया। शुरुआत में दोनों ने गबन की रकम को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद गड्ढे में रुपये दबाने का पता चलने पर पुलिस ने रकम की तलाश शुरू कर दी। आरोपी रॉकी ने खेत में कई जगह खोदाई करवा दी। चार-पांच गड्ढे खोदने के बाद पुलिस को कामयाबी हाथ लगी। उसने खेत में गड्ढा खोदकर बैग में रुपये भरकर रखा था और उसपर ऊपर से पॉलिथीन डाल दी, जिससे रुपये काफी समय तक दबे रहने से खराब नहीं हो। इस तरह गौरव ने अपने घर में तीन-चार गड्ढे खोदाई कराए। बाद में भूसे के नीचे किए गए गड्ढे में गबन की रकम बरामद हुई। उसने गड्ढे में रुपये बैग में भरकर दबाए थे और उसमें चारों तरफ सीमेंट से दीवार बनाने की बात बताई गई हैं।
एटीएम में डाले जा रहे थे कम रुपये
तीन दिन में इस तरह किया 5.26 करोड़ का गबन पुलिस के अनुसार आरोपियों को रुपये डालने के लिए 22 एटीएम आवंटित किए गए थे। एक एटीएम में 40 लाख रुपये डालने के लिए गौरव और रॉकी को मिलते थे। दोनों ने एटीएम में 40 के बजाय बीस लाख रुपये डालने शुरू कर दिए और तीन दिन में 5.26 करोड़ रुपये का गबन कर दिया। एटीएम से जल्दी रुपये खत्म होने की जानकारी मिलने पर कंपनी के अफसरों ने ऑनलाइन रिकार्ड चैक किया तो उनमें से केवल बीस लाख रुपये निकलने का पता चला। इसके बाद जांच में पता चला कि एटीएम में कम रुपये डाले जा रहे थे।
जिन्होंने की मदद, वह भी बनेंगे आरोपी
बड़ौत कोतवाली में दर्ज गबन के मुकदमे में पुलिस ने आरिफपुर खड़खड़ी के मुख्य आरोपी गौरव की पत्नी काजल, मां सरिता, दूसरे मुख्य आरोपी रॉकी की पत्नी सविता, भाई रोबिन, राजीव, शरद और गौरव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके अलावा मुख्य आरोपी रॉकी, गौरव के साथ चंडीगढ़ पुलिस इंस्पेक्टर जसमिंदर सिंह, हेड कांस्टेबल सतीश, सीनियर कांस्टेबल समुंदर और मनीष निवासी जौहड़ी को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था। रकम बरामद होने के बाद पुलिस को आरोपियों के अन्य परिवार वालों और रिश्तेदारों की भूमिका भी संदिग्ध लगी। इस प्रकरण में आरोपियों की मदद करने वाले चार-पांच परिवार वालों को भी आरोपी बनाने के लिए पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी।