
कार्यक्रम में पद्मश्री नरेश त्रेहन(मेदांता के चेयरमैन),प्रकाश पी हिंदुजा (चेयरमैन हिंदुजा ग्रुप ) व रवि कांत जयपुरिया (चेयरमैन वरूण बेवरेजेज)
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भूमि पूजन समारोह के जरिये उत्तर प्रदेश ने साबित किया है कि इच्छा शक्ति हो तो सबकुछ संभव है। इसी के दम पर पहले भूमि पूजन में जहां 61 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था, वहीं चौथे भूमि पूजन में ये बढ़कर रकम 10 लाख करोड़ रुपये हो गया। जो यूपी के बजट लगभग 7.36 लाख करोड़ रुपये का करीब डेढ़ गुना है। वहीं, निवेश की रफ्तार की बात करें तो पहले और चौथे भूमि पूजन समारोह में करीब 15 गुना की वृद्धि है।
विकास का रास्ता निवेश से ही होकर गुजरता है। गुजरात हो या महाराष्ट्र, तेलंगाना हो या पश्चिम बंगाल… निवेशकों के दम पर ही ये राज्य फलफूल रहे हैं। यूपी ने भी इसे समझा और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतियों से लेकर सुविधाओं तक में व्यापक बदलाव किए। वर्ष 2017 में योगी सरकार आई और अगले ही साल 2018 में वैश्विक निवेशक सम्मेलन किया। इसमें चार लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए गए। इन्हें धरातल पर उतारने के लिए देश में पहली बार भूमि पूजन समारोह का ‘कॉन्सेप्ट’ पेश किया गया। इसके जरिये उद्योगों को उत्सव का माहौल दिया गया। उद्योगपतियों को अतिथि देवो भव: की तर्ज पर अति विशिष्ट मेहमान का दर्जा दिया गया। नतीजा भी सामने है, चार लाख करोड़ से बढ़कर एमओयू 40 लाख करोड़ रुपये यानी दस गुना ज्यादा हो गए।
भूमि पूजन समारोह पर एक नजर
पहला भूमि पूजन समारोह : 29 जुलाई 2018 को आयोजित किया गया। इसमें 61,847 करोड़ रुपये की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला।
दूसरा भूमि पूजन समारोह : 28 जुलाई 2019 को हुए समारोह में 290 परियोजनाएं धरातल पर उतारी गईं। इनमें करीब 65,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। करीब 2.6 लाख लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खुले।
तीसरा भूमि पूजन समारोह : कोविड काल की वजह से इसका आयोजन 3 जून 2022 में किया गया। तमाम विपरीत स्थितियों के बावजूद 1,406 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। इसके जरिये 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतरा। पांच लाख से ज्यादा रोजगार सृजित हुए।
चौथा भूमि पूजन समारोह : 20 व 21 फरवरी 2024 को हो रहे इस समारोह ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। लगभग 10.11 लाख करोड़ रुपये की 14 हजार से ज्यादा परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ। इनके जरिये करीब 34 लाख रोजगार सृजन की राह खुली।
