
train accident
– फोटो : amar ujala
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मोतीगंज-झिलाही के बीच पिकौरा गांव के पास ट्रेन हादसे के बाद गांववाले धमाके की आवाज सुनकर थर्रा उठे। जो जिस हाल में था, वह चीख-पुकार सुनकर मदद के लिए रेलपटरी की ओर दौड़ पड़ा। राम खेलावन और नरेश चारपाई लेकर दौड़े, खून से लथपथ बच्ची को उठाकर चारपाई पर लादा और तेजी से रेलपटरी पर बगल होने की गुहार लगाते भागे। शिवराम के साथ तीन चार लोग पटरी के बगल खंती में पड़ी वातानुकूलित बोगियों में पहले झांककर देखा, फिर दन्न से ऊपर चढ़कर भीतर दाखिल होने की जुगत करते रहे। सफलता न मिलने पर ईंट और बजरियों से शीशे तोड़कर कोच के भीतर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। रेलवे और पुलिस-प्रशासन का अमला जब तक पहुंचता आसपास के ग्रामीणों ने कमान संभाले रखी। इस दौरान ट्रेन में फंसे सैकड़ों यात्रियों को अपनी सूझ-बूझ से बाहर निकाला। ग्रामीणों की मानें तो ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद तेज धमाका सुनाई दिया तो ग्रामीण कुछ देर तक समझ नहीं पाए।
ट्रेन हादसे के बाद राहत-बचाव कार्य में जुट गए। प्रत्यक्षदर्शी चिंटू भारती, सूरज, राकेश, जगप्रसाद, जितेंद्र, पवन, राजित ने बताया कि दिन में करीब दोपहर 2:55 तेज आवाज सुनाईं थी। इस दौरान आसपास तेज धुंआ उठा। पिकौरा गांव के कोइरी पुरवा मजरे के लोग दौड़े, मगर उन्हें ट्रेन हादसे की जानकारी नहीं थी। कोइरी पुरवा के करीब 50 मीटर दूरी पर हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई। कई यात्री दहशत में बेसुध हो गए। जिन्हें ग्रामीणों ने पानी के छीटें व हाथ के पंखे की मदद से बचाव किया।
ट्रेन के कोच में फंसे यात्रियों को शीशा तोड़कर किसी तरह बाहर निकाला। कई महिलाएं व बच्चे ग्रामीणों से मदद की गुहार लगाती रही हैं। तब तक आसपास के अन्य गांवों गोसाईं डिहवा, सधईपुरवा और पिकौरा के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। इसके साथ ही राहत बचाव में युद्ध स्तर पर लगे रहे। सूझबूझ के चलते यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। कई यात्रियों को मामूली चोटें आईं हैं। चारपाई के माध्यम से गंभीर रूप से घायल यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। प्रशासन के पहुंचने तक आसपास की ग्रामीण महिलाएं व बच्चे से लेकर बुजुर्ग भी यात्रियों की मदद में जुटे रहे हैं। सूझबूझ से आसपास के ग्रामीणों में सैंकड़ों यात्रियों की जान बचाई है। साथ ही आनन-फानन में मोतीगंज व मनकापुर पुलिस को घटना की जानकारी दी। उधर, रेलवे प्रशासन भी मुस्तैद हुआ। बावजूद इसके ग्रामीण राहत बचाव में जुटे रहे हैं।