
जालसाज दंपती।
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गोरखपुर एम्स में दवा की दुकान और ठेका दिलाने के नाम पर कई लोगों से ठगी करने वाले दंपती को मंगलवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
खबर है कि जेल भेजे जाने से पहले पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को खूब गुमराह किया, लेकिन बाद में अपने एक रिश्तेदार का नाम उगला है। अब पुलिस इसकी तस्दीक कर रही है कि आरोपियों ने उसे फंसाने के लिए नाम लिया है, या फिर सच में उसकी इस मामले में कोई भूमिका है।
पकड़े गए आरोपी राजीव तिवारी और शिप्रा तिवारी देवरिया के मईल थाना क्षेत्र के हडिला गांव के निवासी हैं। जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने कई लोगों को एम्स में ठेका और दुकान दिलाने के नाम पर झांसा देकर उनसे नकदी वसूल लिया। इसमें से कुछ लोगों को नौकरी का भी झांसा दिया गया था। गोरखनाथ इलाके में पहला मामला सामने आने के बाद पुलिस ने चिलुआताल, कैंट थाने में भी केस दर्ज किया। करीब ढाई साल से आरोपी फरार चल रहे थे।
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इसी बीच एसओजी गोरखपुर को सूचना मिली कि आरोपी, ठगी के पैसे से आलीशान मकान बनवा रहे हैं। इसी सूचना पर पुलिस देवरिया रवाना हुई और दोनों आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया।