
Aadhaar Card
– फोटो : Amar Ujala
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रामनगर में राजकीय बालगृह में 2024 से रह रहे 74 गुमशुदा बच्चों के लिए आधार कार्ड वरदान साबित हो रहा है। आधार की मदद से घर का पता लगाकर बच्चों को परिजनों से मिलवाया जा रहा है। मार्च में 25 बच्चों को उनके घर पहुंचाया गया। फिलहाल यहां 49 बच्चे रह रहे हैं। वहीं, 11 और बच्चों के घर को चिह्नित कर लिया गया। ये बच्चे भी जल्द ही अपने माता-पिता के पास जा सकेंगे।
जिला बाल संरक्षण इकाई बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए राजकीय बाल गृह में फिंगर वेरिफिकेशन कराता है। पहले से आधार बने होने की वजह से नया आधार नहीं बन पाता, लेकिन ये प्रक्रिया बच्चों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।
राजकीय बाल गृह बच्चों के नाम और जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई को भेज देता है। इसके बाद इसे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग लखनऊ ऑफिस को भेजा जाता है। फिर विभाग इन बच्चों के फिंगर प्रिंट के आधार पर परिवार वालों की खोज कर लेता है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने बताया कि बालगृहों में आधार कैंप लगाया जाता है। ताकि बच्चों के घर का पता लगाया जा सके। साथ ही काउंसिलिंग और मैप के माध्यम से भी घर का पता लगाया जाता है। साथ ही विभाग और शासन के उच्च अधिकारी दौरा कर बच्चों से मुलाकात करते हैं। ताकि इनकी परेशानियों का दूर किया जा सके।