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कूड़े के ढेर में मिली सरकारी दवाएं – फोटो : संवाद
विस्तार
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई है। यहां पहली बात तो सरकारी दवाइयां खुले में फेंक दी गईं। इसमें भी कई सारी दवाएं ऐसी रहीं जो अभी एक्सपायरी सीमा तक पहुंची भी नहीं थी। इससे पहले ही फेंक दी गईं। डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक भले सख्त तेवर में हों, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहे। वो भी तब जब धड़ाधड़ कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार को एक वीडियो लंभुआ सीएचसी का सामने आया है। यहां एक्सपायर दवाओं के साथ बगैर एक्सपायर हुई दवाओं को भी कूड़े की ढेर में फेंक दिया गया।
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लंभुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास शुक्रवार दूसरे पहर में सरकारी अस्पताल की दवाएं अस्पताल के पास ही कूड़े के ढेर में मिलने से हड़कंप मच गया। भारतीय किसान यूनियन हिंद के पदाधिकारियों को जब पता चला तो वे मौके पर पहुंचे और कूड़े में फेंकी गई दवाओं का वीडियो बनाया। फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए किसान संगठन ने संबंधित विभाग के अधिकारियों व उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मामले की शिकायत की।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी-सीएचसी प्रभारी
फेंकी गई दावाओं में कुछ दवाएं एक्सपायर हो गई हैं तो कई ऐसी दवाएं मिली हैं जो एक्सपायर नहीं हुई हैं। इन फेंकी गई दवाओं में एल्बेंडाजोल, अमाक्सीसिलिन, आईसीयूडी कॉपर टी जैसी दवाएं जो एक्सपायर नहीं थी फेंक दी गई थी। इस बाबत सीएचसी प्रभारी अनिल सिंह ने बताया कि कूड़े में फेंकी गई दवाओं का मामला संज्ञान में आया है। जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पखवारे भर पूर्व डिप्टी सीएम ने दिए थे जांच के आदेश
लंभुआ सीएचसी पर ये मामला तब सामने आया है जब पखवारे भर पूर्व ही डिप्टी सीएम ने यहां के तत्कालीन अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। यही नहीं जिम्मेदार अधिकारी सीएमओ के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए। जिसे ठंडे बस्ते में डालकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।