
ये है सरकारी पौधरोपण का सच
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प्रसिद्ध हिंदी लेखक और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य ‘बकरी पौधा चर गई’ तो आपने जरूर पढ़ा होगा। इस व्यंग्य में उन्होंने बकरी की तुलना भ्रष्टाचार से की थी। ऐसा ही मामला हरहुआ से सामने आया है। हरहुआ में अभियान के तहत लगाए गए पौधों को बकरियां चर गईं। तीन हजार पौधे नष्ट हो गए हैं, सिर्फ तना बचा है। पौधे लगाने के बाद देखभाल करने की जिम्मेदारी विभाग भूल गया।
दरअसल, पिछले साल जुलाई माह में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने वाराणसी के हरहुआ विकास खंड के अंतर्गत हरहुआ ग्राम सभा में 1.5 हेक्टेयर भूमि पर 3000 पौधे लगाकर वाराणसी जिले में पौधारोपण अभियान की शुरुआत की थी। उसी दिन वाराणसी जिले में चिन्हित 810 स्थलों पर 27 विभागों द्वारा 14 लाख पौधे रोपित किए गए थे।
हरहुआ में पौधारोपण के बाद पर्यटन मंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को पौधों की देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन, हरहुआ में पौधारोपण करने के बाद वन विभाग के अधिकारी इसे भूल गए। स्थिति यह है कि लगाए गए पौधों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। 3000 पौधों को बकरियां चर गईं हैं। लगाए पौधों में से केवल दो या तीन पौधों में ही पत्तियां बची हैं, बाकी पौधों का केवल तना ही बचा है।
इस संबंध में हरहुआ ग्राम प्रधान अनवर हासमी ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन पौधों की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। गांव में ज्यादातर लोग बकरियां पाले हैं और घेरेबंदी नहीं होने के कारण लगाए गए पौधों को बकरियां चर गई हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
पौधे लगाने के बाद देखभाल के लिए एक चौकीदार रखा गया है। अगर ऐसी स्थिति है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
-सजय कुमार, आरएफओ वाराणसी