GST Amnesty Scheme: Big relief to businessmen apply till 31 March 2025 get benefits

जीएसटी।
– फोटो : सोशल मीडिया।

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एमनेस्टी योजना में वर्ष 2017 से 2020 तक के कर निर्धारण मामलों में जीएसटी की ब्याज और जुर्माना से व्यापारियों को राहत मिल रही है। इस योजना के बारे में हींग की मंडी स्थित आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन कार्यालय में जूता व्यापारियों को जीएसटी के अधिकारियों ने समझाया। यह योजना एक जनवरी से शुरू हुई है जो 31 मार्च तक चलेगी।

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स्टेट जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 मारुति शरण चौबे ने व्यापारियों से कहा कि वह एमनेस्टी योजना का लाभ उठाएं। पुराने मामलों में ब्याज और जुर्माने से छूट का यह मौका बार-बार नहीं मिलेगा। ऐसे में पुराने केस का निस्तारण कराएं।

डिप्टी कमिश्नर मृत्युंजय ने बताया कि व्यापारी 7 साल तक के खातों को सुरक्षित रखें। अगर किसी साल में कोई विवाद है तो उस साल के खाते भी सुरक्षित रखने होंगेे। विभाग के पोर्टल पर व्यापारी 7 वर्ष से पहले तक के वर्षों की एनओसी भी प्राप्त कर सकता है।

इस दौरान एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 अंजनेय अग्रवाल, अरुण श्रीवास्तव, वीके सिंह, अध्यक्ष विजय सामा, प्रमोद महाजन, गोवर्धन सोनेजा, भीष्म लालवानी, अजय महाजन, प्रदीप सरीन, घनश्याम रोहरा, प्रदीप मेहरा, प्रमोद जैन, प्रदीप सरीन आदि मौजूद रहे।

जीएसटी पोर्टल पर अपना नंबर अंकित करें

जीएसटी एडिशनल कमिश्नर ने व्यापारियों को सलाह दी कि जिन व्यापारियों ने जीएसटी पोर्टल पर अपने सीए और अधिवक्ता का नंबर दिया, वह परेशान हैं। दो नंबरों में पोर्टल पर एक अपना नंबर अवश्य रखें, जिससे सीए या अधिवक्ता के व्यस्त होने पर नोटिस समेत सभी जानकारियां उपलब्ध होती रहें।

सामा के नाम पर रखें सभागार का नाम

फेडरेशन अध्यक्ष विजय सामा ने जीएसटी अधिकारियों से मांग की कि व्यापारी नेता रामकुमार सामा के नाम पर जीएसटी के व्यापारी कक्ष का नाम स्व. राजकुमार सामा सभागार रखा जाए। अधिकारियों ने कहा कि वह पत्र भेजें, विभाग उसे अनुमोदित कर शासन भेजेगा। फेडरेशन ने धारा 73 के तहत व्यापारियों की परेशानी उठाई, जिसके समाधान के लिए प्रस्ताव रखा कि फेडरेशन के प्रार्थनापत्र पर उसका समाधान किया जाए।

 



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