Gyanvapi Asi Survey varanasi court Order reserved on demand to ban media coverage

ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे जारी
– फोटो : अमर उजाला

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वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने बुधवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत का दरवाजा खटखटाया। कमेटी के आवेदन पर सुनवाई हुई। अधिवक्ताओं के मुताबिक अदालत ने दलीलें सुनीं और मौखिक रूप से कहा कि एएसआई सर्वे की गोपनीयता बनाए रखे। इसकी रिपोर्ट अदालत में जमा की जानी है। रिपोर्ट लीक नहीं होनी चाहिए। दोनों पक्ष अनावश्यक बयानबाजी से बचें। सर्वे में क्या मिला और क्या दिखा, इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी भ्रम की स्थिति ने फैलाई जाए। इसके साथ ही अदालत ने पत्रावली को आदेश के लिए सुरक्षित कर लिया है। इस मामले में गुरुवार को विस्तृत आदेश आ सकता है।

मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया कि सर्वे को लेकर तथ्यों के विपरीत रिपोर्टिंग की जा रही है। इससे समाज में विद्वेष फैल रहा है। जिस स्थान का अभी सर्वे नहीं हुआ है, उस स्थान को लेकर भी मीडिया गलत रिपोर्टिंग कर रहा है। वहीं, हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि मीडिया अपना काम कर रहा है। जो रिपोर्ट दिखाई जा रही है, वह पिछले सर्वे की है।

पक्षकारों के साथ ही मीडिया को भी संयम बरतने के लिए कहा

मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दलील दी कि भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों के तहत मीडिया को समाचार प्रकाशन की स्वतंत्रता है। अगर कोई त्रुटिपूर्ण खबर भी आ रही है तो उसे मीडिया सुधार ले रहा है। मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की चार अन्य वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी के अधिवक्ता मदन मोहन यादव और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि अदालत ने पक्षकारों के साथ ही मीडिया को भी संयम बरतने के लिए कहा है। मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। आदेश आने के बाद ही उसके संबंध में बता पाना संभव होगा।

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