Hapur: ATS arrested 12 spies from Western UP in 20 years

प्रतीकात्मक तस्वीर

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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पिछले दो दशकों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवाओं को बरगलाकर देश की अहम जानकारियां हासिल करने में जुटी है। आईएसआई हैंडलरों के लिए सेना से जुड़े युवा निशाने पर हैं। एटीएस ने 2003 के बाद से हापुड़ के अलावा मेरठ, मुजफ्फरनगर व आसपास के जिलों में 12 से अधिक जासूसों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजे हैं। इनमें सेना से जुड़े लोग ज्यादा हैं।

हापुड़ में आठ जनवरी 2021 में बिहुनी निवासी सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी के तीन साल बाद जासूसी के आरोप में सतेंद्र की गिरफ्तारी ने खलबली मचा दी है। सेना से जुड़े होने के बावजूद देश की सुरक्षा को ताक पर रखने से लोग सकते में हैं। सतेंद्र की गिरफ्तारी के बाद अन्य जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं और निगरानी बढ़ा दी गई है।

जासूसी के आरोप में जिस सौरभ शर्मा को तीन साल पहले गिरफ्तार किया गया था, उसकी पत्नी के खातों में पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव ने रकम भेजी थी। सौरभ 2014 में पठानकोट में सिग्नल कोर में तैनात था। उसने 2020 में वीआरएस ले लिया था। इसके बाद देश व सैन्य जानकारी पाकिस्तान भेजता रहा। फिलहाल वह जेल में है।

2003 के बाद जासूसी में गिरफ्तारियां

  • 3 जनवरी 2024 : हापुड़ के गांव श्यामपुर निवासी दूतावास कर्मी सतेंद्र गिरफ्तार
  • 8 जनवरी 2021: हापुड़ में पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया
  • 19 अक्तूबर 2018: मेरठ कैंट जवान कंचन को एटीएस ने गिरफ्तार किया
  • 27 नवंबर 2015: एसटीएफ ने मेरठ कैंट से आईएसआई एजेंट एजाज को गिरफ्तार किया
  • 16 अगस्त 2014: मेरठ से संदिग्ध आईएसआई एजेंट आसिफ अली को गिरफ्तार किया
  • 10 जनवरी 2009: सहारनपुर से आईएसआई एजेंट आमिर अहमद को गिरफ्तार
  • 10 मार्च 2005: मेरठ से खलील हुसैन शाह आईएसआई एजेंट गिरफ्तार
  • 18 अप्रैल 2004: मेरठ से आईएसआई एजेंट रूबी बेगम गिरफ्तार
  • 14 मार्च 2003: मुजफ्फरनगर से जैश के मोहम्मद के दो आतंकी सज्जाद और इत्तिफाकुल गिरफ्तार

ग्रामीणों के गले नहीं उतर रही सतेंद्र सिवाल की करतूत

एटीएस की कार्रवाई में आरोपी सतेंद्र सिवाल की करतूत ग्रामीणों के गले नहीं उतर रही है। ग्रामीणों का कहना था कि वे गांव में किसी परिचित कि घर में मौजूद हैं। सतेंद्र के पिता जयवीर सिंह गांव के सम्मानित व्यक्तियों में शुमार हैं। 

मध्यमवर्गीय यह परिवार खेती कर पालन पोषण कर रहा है। चार भाई बहनों में से दो बहनों की शादी हो चुकी है। भाईयों में बड़े सतेंद्र ने एमएससी की पढ़ाई मेरठ के एक कालेज से की और उसकी 2019 में यह नौकरी लगी थी। तभी से परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था।



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