Hardcore Naxalite Lalbrat Kol life imprisonment and 30 thousand fine in sonbhadra

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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सोनभद्र जिले के चोपन थाना क्षेत्र के छिकड़ा जंगल में साढ़े 11 वर्ष पूर्व हुई मुठभेड़ में गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली लालव्रत कोल को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने उम्र कैद व 30 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। उसे प्रतिबंधित असलहा रखने का दोषी पाया गया है। लालव्रत को हत्या के मामले में एक साल पहले भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 29 मई 2012 को डाला चौकी प्रभारी वीरेंद्र कुमार यादव को छिकड़ा के जंगल में कुछ नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जो किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। तत्कालीन एसपी सुभाष चंद्र दुबे के निर्देश पर पुलिस, एसओजी और सीआरपीएफ की तीन टीमों ने नक्सलियों की घेरेबंदी की।

जब नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए कहा गया तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायर किया। एक नक्सली को पुलिस ने मौके से मैगजीन अनलोड करते समय गिरफ्तार किया, जबकि उसके अन्य साथी फरार हो गए। पकड़े 

गए नक्सली की पहचान चंदौली जिले के नौगढ़ थाना क्षेत्र के मझगांवा निवासी हार्डकोर लालव्रत कोल उर्फ कमलजी के रूप में हुई। लालव्रत नक्सलियों का जोनल कमांडर था। तलाशी में उसके पास से एक करबाइन, एक राइफल और 20 कारतूस मिले। पुलिस को बुलेट प्रूफ जैकेट पर दो फायर लगा था। एसपी सुभाष चंद्र दुबे, सीओ प्रमोद कुमार यादव, चार दरोगाओं समेत नौ पुलिस वालों को चोटें आई थी। 

इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर लालव्रत कोल को आयुध अधिनियम में दोषी करार देते हुए उम्र कैद व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक और अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता रोशन लाल यादव ने बहस की।



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