नौकरी का झांसा देकर जिले के दो युवाओं को म्यांमार भेजने वाले गिरोह के एक और सदस्य सचिन राणा को हाथरस साइबर सेल पुलिस ने 30 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया है। सचिन राणा ने म्यांमार में ही रहकर दोनों युवाओं को वहां बुलाने में मुख्य आरोपी रिटायर्ड सैन्यकर्मी संजय की मदद की थी। दस दिन पहले संजय को पुलिस जेल भेज चुकी है।
हाथरस निवासी युवती व एक युवक चेन्नई में मर्चेंट नेवी का कोर्स कर रहे थे। वहां संजय से फोन पर वार्ता के बाद दोनों से छह लाख रुपये में नौकरी लगाने का वादा किया गया था। सात सितंबर 2025 को उन्हें थाईलैंड भेज दिया था। म्यांमार में मौजूद सचिन राणा की मदद से दोनों को वहां बुलाया गया था। म्यामांर फौज के रेस्क्यू ऑपरेशन से ये फिर से थाईलैंड पहुंचे तथा भारतीय दूतावास की मदद से 270 भारतीयों के साथ सात नवंबर को भारत लौटे।
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इसके बाद पीड़ितों ने हाथरस आकर साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 20 नवंबर को हिमाचल के कांगड़ा से संजय राणा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके साथी सचिन राणा निवासी कांगड़ा हिमाचल की तलाश की जा रही थी। 30 नवंबर को कांगड़ा से वह भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
100 करोड़ का होता था टारगेट
यहां चल रहे कॉल सेंटर्स की तरह ही म्यांमार में भी ठगी का टारगेट हुआ करता था। सचिन ने पूछताछ में बताया कि मालिक का एक महीने में 100 करोड़ रुपये ठगने का टारगेट होता था। सचिन को पांच सौ डॉलर कमीशन मिलता था। एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि छानबीन जारी है और भी लोग सामने आ सकते हैं। युवाओं की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
