damage to roadways

यूपी रोडवेज बस
– फोटो : अमर उजाला

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अधिक मास में मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन जाने के लिए यात्रियों की अच्छी-खासी भीड़ उमड़ रही है। रोडवेज ने भीड़ को भुनाने के लिए मथुरा मार्ग पर अतिरिक्त बसें लगाई हैं, लेकिन इतनी भीड़ के बावजूद यह बसें उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं दे पा रही हैं। इसकी वजह मथुरा जिले के राया कस्बे में मुख्य मार्ग पर लगने वाला भीषण जाम है।

एक बार यहां जाम लगने पर यह भरोसा नहीं रहता कि कब खुलेगा। इसी वजह से यात्री सड़क मार्ग की बजाय पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रेन से मथुरा का सफर करना ज्यादा मुनासिब समझते हैं। अधिक मास में 84 कोस की परिक्रमा, गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा और वृंदावन के प्रमुख मंदिरों के दर्शन के लिए इन-दिनों रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु रवाना हो रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के कासगंज-मथुरा मार्ग की ट्रेनों में तो भीड़ के चलते जबर्दस्त मारामारी मच रही है, लेकिन रोडवेज चाहते हुए इस मौके को नहीं भुना पा रही। 

रोडवेज ने मथुरा मार्ग पर भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त बसें भी लगाई हैं, लेकिन इन बसों को उम्मीद के मुताबिक यात्री नहीं मिल रहे। राया के जाम के चलते यात्री सड़क मार्ग से मथुरा का सफर करने से बच रहे हैं। वैसे भी हाथरस से मथुरा के लिए पूर्वाेत्तर रेलवे की ट्रेनों की सुविधा है। इन बसों में किराया भी रोडवेज बस से कम है और जाम में फंसने का झंझट भी नहीं है।

गोवर्धन परिक्रमा के लिए मथुरा के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन शुरू किया गया है। खास तौर पर शनिवार और रविवार को मथुरा मार्ग पर आठ अतिरिक्त बसों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन राया में जाम के कारण अधिक यात्री नहीं मिल रहे। लोड फैक्टर बहुत कम आ रहा है। -वीरी सिंह, स्टेशन प्रभारी, हाथरस डिपो



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