अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस

Updated Sat, 01 Jul 2023 12:52 AM IST

dilapidated bus stand, passengers are making difficult journey

जर्जर हालत में सासनी का रोडवेज बस स्टैंड
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


हाथरस के रोडवेज बस स्टैंड की हालत जर्जर है। यह बस स्टैंड किसी भी लिहाज से यात्रियों के उठने-बैठने लायक नहीं है। इसकी बदहाली सरकार के बेहतर परिवहन सुविधाओं के दावे पर सवाल खड़े कर रही है। आगरा-अलीगढ़ मार्ग की सभी बसें यहां होकर गुजरती हैं, लेकिन बस स्टैंड न होने के कारण ज्यादातर बसें यहां बिना रुके ही निकल जाती हैं। इस कारण यात्रियों को मजबूरी में निजी बसों और डग्गेमार वाहनों में सफर करना पड़ता है। अनदेखी के चलते कस्बे के नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

कस्बा में आगरा-अलीगढ़ राजमार्ग पर बना यह बस स्टैंड बहुत पुराना है। बस स्टैंड परिसर की छतें क्षतिग्रस्त हालत में हैं। बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। अफसोस की बात तो यह है कि राजमार्ग पर बना होने के बावजूद यहां से किसी बस का संचालन नहीं होता। यहां कर्मचारियों का भी संकट है। शौचालय पर ताला लटका रहता है। बस स्टैंड परिसर में गंदगी के अंबार लगे हैं। यात्रियों के बैठने का यहां कोई इंतजाम नहीं है। बस स्टैंड होने के बावजूद यात्रियों को बाहर सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है।

अफसोस की बात तो यह है कि राजमार्ग पर बस स्टैंड होने के बावजूद रोडवेज बसें यहां बिना रुके ही निकल जाती हैं। कस्बे से जलेसर और इगलास के लिए मार्ग निकलते हैं, लेकिन इन दोनों मार्गाें पर ही आवागमन के साधनों की किल्लत है। इन मार्गाें के यात्री पूरी तरह डग्गेमार वाहनों पर ही निर्भर हैं।

कस्बे में बस स्टैंड तो वर्षों पुराना है, लेकिन यहां से कोई बस नहीं चलती। आगरा-अलीगढ़ जाने वाली बसें भी सासनी में नहीं रुकतीं। इस कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। -प्रवीण वार्ष्णेय

कस्बा के बस स्टैंड परिसर में न पानी, न हवा और न बैठने की कोई सुविधा है। शौचालय भी बदतर हालत में है। आगरा-अलीगढ़ राजमार्ग पर होने के बावजूद यहां रोडवेज बसें नहीं रोकी जातीं। -कमल माहेश्वरी

रखरखाव के अभाव में बस स्टैंड की हालत बदतर हो गई है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे। बस स्टैंड होने के बावजूद यात्रियों को सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। -आशीष वर्मा उर्फ बंशी



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