On the insistence of going to maternal home, the woman cut off her life from the train, the girl also died after being thrown

ट्रेन से कटकर महिला की मौत की सूचना पर जलेसर रोड ​स्टेशन पर पहुंची पुलिस। संवाद 
– फोटो : samvad

मायके जाने की जिद पर अड़ी महिला पिंकी (30) ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। मरने से पहले पिंकी ने ट्रेन नजदीक आते देख गोद में ली हुई तीन माह की अबोध बच्ची बेबी और दो वर्ष की बेटी साक्षी को ट्रैक से दूर फेंक दिया। बेबी की सिर में चोट लगने से मौत हो गई। इस हादसे के बाद महिला का पति मौके से फरार हो गया।

मोहल्ला अहेरियान निवासी सुशील कुमार और उसकी पत्नी पिंकी के बीच दो दिन से झगड़ा चल रहा था, पिंकी मायके जाने की जिद पर अड़ी थी। मंगलवार की शाम भी वह साक्षी और बेबी को लेकर घर से निकल गई थी। उसके पति को पता लगा तो उसने गांव बुढाइच में पहुंचकर उसे रोका। काफी समझाने के बाद भी वह नहीं मानी तो सुशील साक्षी को लेकर घर चला गया। बाद में सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी पिंकी को काफी समझाया और उसे घर छोड़ दिया था।

बधुवार सुबह वह पति और बच्चों के साथ पानीपत स्थित मायके जाने के लिए घर से निकली और दोनों जलेसर रोड रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। वहां भी सुशील ने उसे समझाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि यहां हुई कहासुनी के बाद पिंकी बच्चों को लेकर रेलवे ट्रैक पर चलने लगी। सुशील भी बैग लेकर उसके पीछे चल रहा था। इसी बीच टूंडला की ओर से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस आ गई। महिला के पति और अन्य लोगों ने शोर मचाया। ट्रेन नजदीक आने पर पिंकी ने दोनों बेटियों को ट्रैक से बाहर फेंक दिया और खुद ट्रेन के आगे खड़ी हो गई। इस घटना के बाद फरार हुए पिंकी के पति की जीआरपी तलाश कर रही है।

पुलिस ने साक्षी को प्राथमिक उपचार के बाद उसकी दादी को सौंप दिया है। पिंकी के मायके वालों को सूचना दे दी है। जीआरपी चौकी प्रभारी का कहना है कि एक महिला की ट्रेन से कटने से मौत की सूचना मिली थी । घटना स्थल पर उसकी दो वर्षीय बच्ची बेहाश मिली थी एवं एक तीन माह की बच्ची का सिर फटने से उसकी मौत हो गई। महिला का शव भी कुछ दूरी पर मिला है। मां-बेटी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अलीगढ़ भेज दिया है।

कोरोना संक्रमण काल के दौरान हुई थी शादी

सहपऊ। कस्बा के मोहल्ला अहेरियान निवासी निरंजन सिंह के दो पुत्र सुशील और काले हैं। दोनों ही हरियाणा के पानीपत में एक फैक्टरी में काम करते थे। पास में ही पिंकी का परिवार भी रहता था। कोरना संक्रमण काल के दौरान सुशील और पिंकी की शादी हुई थी। पिंकी सुशील से उम्र में बड़ी थी। दोनों परिवारों की सहमति से शादी हुई थी। संवाद

पानीपत में रहने के लिए होता था दोनों के बीच झगड़ा

शादी के कुछ दिन बाद सुशील सहपऊ आ गया था और यहीं पर मेहनत मजदूरी करने लगा। इसी दौरान उसके एक पुत्री हुई। बीच-बीच में पति-पत्नी में पानीपत में रहने के लिए झगड़ा भी होता था ।इसके बाद पिंकी दूसरी बार गर्भवती हुई तो अपने मायके चली गई और वहीं पर उसने दूसरी पुत्री को जन्म दिया। वह 15 दिन पहले ही मायके से लौटकर अपनी सुसराल आई थी। आने के कुछ दिन बाद ही वह फिर से मायके जाने की जिद करने लगी थी। सुशील के परिवार में वृद्ध मां-बाप हैं। बाप को बहुत ही कम दिखाई देता है, साथ ही एलर्जी रोग होने के कारण पूरी त्वचा खराब हो गई है। बूढ़ी मां भी खेतों में काम करती हैं। जब दोनों पानीपत जा रहे थे, उस समय सुशील की मां खेतों में धान की रोपाई के लिए निकल गई थी।

घर पर अकेली बुजुर्ग महिला, कोई साथ देने वाला नहीं

सुशील लापता है और उसका छोटा भाई काले पानीपत रहता है। घटना के मोहल्ले में भी पुलिस के डर से बुजुर्ग महिला के साथ जाने को भी कोई तैयार नहीं हो रहा था।



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