संवाद न्यूज एजेंसी, जालौन
Updated Tue, 29 Oct 2024 11:57 PM IST
उरई। अपहरणकर्ता को नौकरी का झांसा दिलाकर तीन लोगों ने शराब पिलाई थी, इसके बाद उसे एक व्यक्ति को सौंप दिया था। वह व्यक्ति बांधकर उसे डकैतों के हवाले छोड़कर भाग आया था। मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने डकैत मंगली केवट के गिरोह से युवक को छुड़ा लिया था।
माधौगढ़ थाना क्षेत्र के कुरौती निवासी शिवकुमार शर्मा ने 24 नवंबर .2004 को आटा थाना पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला राजेंद्र नगर निवासी गोधन, महेश धीमर, राकेश शर्मा ने राजेंद्र नगर ठेका से शराब लेकर उसे पिलाई। जब वह नशे में हो गया तो सभी ने उसे मोतीलाल विजवाहा को बुलाकर उससे मिलवाया और उससे कहा कि तुम इनके साथ चले जाओ यह तुम्हारी नौकरी लगवा देंगे।
जब वह मोतीलाल के साथ चला गया तो मोतीलाल ने उसे गांव ले जाकर बंधक बना लिया और मंगली केवट गैंग के सुपुर्द कर दिया। जब वह डकैतों के चंगुल में फंस गया तो गैंग के सदस्यों ने उसे खूब यातनाएं दी। इसके साथ ही उसके परिवार से एक लाख रुपये की मांग की। जब घर वालों ने रुपये न होने की बात कही तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की बात कही थी। रुपये का इंतजाम न होने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने आटा थाना क्षेत्र के परासन के अल्मोडी डेरा के जंगल से मुठभेड़ के दौरान शिवकुमार को छुड़ा लिया था। बता दें कि मंगली केवट पर इटावा, कानपुर देहात मध्य प्रदेश सहित कई जगहों पर दर्जनों मुकदमे दर्ज थे। इस पर पुलिस ने उसे दो दशक पहले गिरफ्तार कर कानपुर देहात की जेल में बंद कर दिया था। मंगलवार को उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई।