बस न मिलने पर वैन चालक को बुलाया था
दियोरिया के गांव पकड़िया निवासी सुधीर ने बताया कि उनका भाई राकेश कुछ समय से बरेली के छोटी बिहार इलाके में परिवार के साथ रहने लगा था। राकेश अपनी ईको वैन चलाता था। शुक्रवार रात मथुरा से लौटे पकड़िया और बिलसंडा क्षेत्र के गांव परेवा तुर्रा के कई लोगों ने बस न मिलने पर राकेश को कॉल की। परिचित होने की वजह से राकेश अपनी वैन लेकर उन लोगों के पास पहुंचा। इसके बाद 13 लोग वैन में सवार होकर गांव को रवाना हुए।
बरेली-बीसलपुर रोड पर भुता के पास वैन और बस की टक्कर हो गई। हादसे में राकेश के अलावा मथुरा से लौटे गौरव (19) निवासी गांव लाम्हुआ, जितेंद्र (32) निवासी परेवातुर्रा की मौत हो गई। दस लोग घायल हो गए। टक्कर इतनी भीषण थी कि वैन के परखचे उड़ गए थे।
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि कार हादसे की सूचना रात में जब पुलिस को मिली तो पता लगा कि टूरिस्ट बस वैन के अगले हिस्से पर चढ़ गई थी। इससे ड्राइवर समेत आगे बैठे लोग वैन में फंसकर रह गए। ऐसे में वैन में आग लगने का डर था। इसलिए फायर टीम को बुलाया गया।
वैन की छत व दरवाजों को कटर से काटना पड़ा
बस हटाकर काफी प्रयास के बाद भी जब शवों को नहीं निकाला जा सका तो उसकी छत व दरवाजों को गैस कटर से काटा गया। इसमें करीब दो घंटे लग गए। कार में फंसे लोगों के बचने की गुंजाइश पूरी तरह खत्म हो चुकी थी। इन्हें बाहर निकाला गया तो मृत घोषित कर दिया गया। घायलों को तत्काल एंबुलेंस से निजी अस्पताल भिजवाया गया। वहां एक की मौत हो गई, बाकी में कुछ लोगों की हालत चिंताजनक है।