तला और फास्ट फूड खाने की लत कई बीमारियों की वजह बन रही है। मोटापा बढ़ने से मांसपेशियां भी कमजोर हो रही हैं। स्थिति यह है कि 20 साल की उम्र में भी हर्निया की दिक्कत हो रही है। फतेहाबाद रोड स्थित कन्वेंशन सेंटर में एसोसिएशन ऑफ मिनिमल एक्सेस सर्जंस ऑफ इंडिया (अमासी) की दो दिवसीय कार्यशाला में चिकित्सकों ने इस पर चिंता जताई। विशेषज्ञों ने बचाव के साथ सर्जरी की नई तकनीक के बारे में प्रशिक्षण भी दिया।
मुख्य वक्ता अमासी के उपाध्यक्ष डाॅ. राजदीप सिंह ने बताया कि धूम्रपान में कई हानिकारक तत्व होते हैं। यह पेट की मांसपेशियों को कमजोर कर देती हैं। मोटे लोगों में वसा अधिक होता है। ये वसा पेट की मांसपेशियों में अतिसूक्ष्म छिद्रों में प्रवेश कर इसे कमजोर बना देती हैं। इससे ऊतक बाहर आने लगते हैं और हर्निया का रूप ले लेते हैं। सर्जरी में इसके 40 फीसदी मरीज हैं।
फास्टफूड, तला भोजन करने और खराब फिटनेस से 20 से 45 साल की उम्र के 20 फीसदी मरीजों में यह परेशानी मिल रही है। आदतों में सुधार न करने और फिटनेस ठीक नहीं होने से इसकी बार-बार सर्जरी की भी जरूरत पड़ रही है। डॉ. एचएल राजपूत ने ऑपरेशन थिएटर में मरीजों को होने वाले संक्रमण पर चिंता जताते हुए ओटी, सर्जरी उपकरण और मशीनों को मानकों के अनुसार सफाई की जरूरत बताई।
इससे पहले मुख्य अतिथि डॉ. रंजना बंसल और डॉ. ज्ञान प्रकाश ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि सर्जरी की नई तकनीकी आ गई हैं। चिकित्सकों के इसमें पारंगत होने से मरीजों को लाभ मिल रहा है। कार्यशाला में डॉ. प्रशांत लवानियां, डॉ. समीर कुमार, डॉ. अनुभव गोयल, डॉ. करण रावत, डॉ. निसार हमदानी, डॉ. अभिनव मित्तल, डॉ. दीपिका चौबे, डॉ. निशा यादव आदि ने भी व्याख्यान दिए।
