
टॉयलेट में मोबाइल का मोह
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24 घंटे मोबाइल फोन लिए रहना मानसिक के साथ ही पेट व हड्डी संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। केजीएमयू के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के सर्वे के मुताबिक पेट के संक्रमण वाले 50 फीसदी युवा टॉयलेट में मोबाइल लेकर जाते हैं। इससे वे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में तीन माह में आए 250 मरीजों को इस अध्ययन में शामिल किया गया। इनकी उम्र 14 से 50 साल के बीच थी। इनमें से काफी मरीज पेट साफ न होने की समस्या लेकर आए थे। जब उनसे दिनचर्या पूछा गई तो 50 फीसदी ने कहा, वे मोबाइल शौचालय में भी लेकर जाते हैं। इनमें से ज्यादातर की उम्र 20 से 35 साल तक थी।
डॉ. रुंगटा के मुताबिक शौचालय में तमाम प्रकार के खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं। नंगी आंखों से ये नजर नहीं आते हैं, लेकिन व्यक्ति के पेट में जाकर ये गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। टॉयलेट में मोबाइल ले जाने पर ये बैक्टीरिया फोन की स्क्रीन पर आ जाते हैं। स्क्रीन के माध्यम से बैक्टीरिया हाथ से होते हुए पेट में पहुंच जाते हैं। इससे संक्रमण हो जाता है।
मलाशय पर दबाव से पाइल्स का खतरा
डॉ. सुमित के मुताबिक टॉयलेट में फोन देखने की वजह से समय का पता नहीं चलता है। व्यक्ति 15 से 20 मिनट और कई बार इससे भी ज्यादा समय वहां गुजार देता है। इससे मलाशय पर दबाव पड़ता रहता है। यह पाइल्स का कारण बनता है। देर तक शौचालय में बैठे रहने की आदत कब्ज का भी कारण बनती है।