
कोर्ट।
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में एक और अर्जी कोर्ट में दाखिल हुई है। मैनपुरी के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग की है कि 1968 में एएसआई के अधीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन के एक हिस्से को शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी को देने का समझौता करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इस समझौते की वैधता की जांच हो।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के 18 वादों में से एक के पक्षकार अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि मथुरा सीजीएम न्यायालय में 10 जुलाई को सीआरपीसी की धारा 156/3 के तहत सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी। इसमें बुधवार को सुनवाई की तिथि नियत थी। मगर, कोर्ट के न बैठने के चलते सुनवाई नहीं हुई। अब सुनवाई की अगली तिथि 15 जुलाई नियत की गई है।
अर्जी में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि ईदगाह कमेटी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ द्वारा 1968 मे किए समझौते को जिन लोगों ने किया है। उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाए। उन्होंने आरटीआई के जरिए मिली सूचनाओं और ऐतिहासिक साक्ष्यों को आधार बनाते हुए कोर्ट से कहा है कि 1968 में भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन में से 2.5 एकड़ का हिस्सा श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ द्वारा देने के लिए ईदगाह कमेटी से समझौता किया गया।
वहीं 1920 से मंदिर व उसकी जमीन एएसआई के संरक्षण में है। कुछ संस्था, कुछ व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय महत्व की संपत्ति को धोखाधड़ी के इरादे से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर समझौता और डिग्री करा लिया गया। जिन लोगों ने, जिन संस्थाओं ने इस तरीके का कृत्य किया है। उनके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में थाना गोविंद नगर में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए जाएं।