
कंगना रनौत
– फोटो : इ्ंस्टाग्राम
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देश के किसानों को हत्यारा, बलात्कारी बताने एवं महात्मा गांधी का अपमान करने के मामले में भाजपा सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनौत के विरुद्ध कोर्ट में दायर वाद में बुधवार को वादी राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा एडवोकेट के बयान नहीं हो सके। कोर्ट ने 26 सितंबर 2024 अर्थात कल बयान दर्ज करने के लिए तिथि नियत कर दी।
ज्ञात हो कि वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर एडवोकेट ने भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत के विरुद्ध देश के किसानों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने तथा महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का अपमान करने के विरुद्ध स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में एक बार दायर किया था। जिसमें कहा गया है कि कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को एक बयान दिया था जो 27 अगस्त 2024 के सारे अखबारों में प्रकाशित हुआ। जिसमें कहा गया था कि 20 अगस्त 2020 से लेकर दिसंबर 2021 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए किसान विरोधी काले कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों ने हत्याएं की थीं, बलात्कार किए थे।
अगर देश का नेतृत्व उस समय मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते। उन्होंने कहा कि इस तरह कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों को हत्यारा बलात्कारी और अलगाववादी तथा उग्रवादी तक करार दे दिया। यही नहीं 16 नवंबर 2021 को बयान दिया था, जिसमें कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी मिली वह भीख के कटोरे में मिली थी, असली आजादी तो 2014 में तब मिली है जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई है। इस तरीके से कंगना ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान कर पूरे राष्ट्र का अपमान किया है तथा देश के करोड़ों किसानों को हत्यारा बलात्कारी और अलगवादी उग्रवादी कहकर किसानों का अपमान किया है। बुधवार को वादी अधिवक्ता की ओर से पैरवी करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्गविजय सिंह भैया एवं रामदत्त दिवाकर एडवोकेट ने भी अपना वकालतनामा कोर्ट में पेश कर दिया है।